राहुल गांधी का पलटवार- RSS का नकाब उतर चुका है, संविधान इन्हें चुभता है
नई दिल्ली। आरएसएस का नकाब उतर चुका है और वो लोग अब अपनी सच्ची मानसिकता को छुपाने में नाकाम हो रहे हैं... यह कहना है कांग्रेस नेता राहुल गांधी का। राहुल गांधी ने एक बार फिर से आरएसएस और बीजेपी को घेरते हुए कहा कि संविधान उन्हें इसलिए चुभता है क्योंकि यह समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय जैसे मूल्यों की रक्षा करता है, जो आरएसएस और बीजेपी के विचारों से मेल नहीं खाते।
राहुल गांधी का यह रिएक्शन आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयान के बाद सामने आया है। आरएसएस और बीजेपी को संविधान नहीं, बल्कि मनुस्मृति जैसी प्राचीन और गैर-समतामूलक व्यवस्था चाहिए। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ''RSS का नक़ाब फिर से उतर गया। संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है।'' उन्होंने आगे लिखा, ''RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और ग़रीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा ग़ुलाम बनाना चाहते हैं। संविधान जैसा ताक़तवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है।''
https://x.com/RahulGandhi/status/1938587107854884953
बता दें कि इससे पहले आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर अब तक का सबसे बड़ा आघात करार दिया। होसबाले ने कि जिन लोगों ने आपातकाल लागू किया था, वे आज संविधान की प्रतियां हाथ में लेकर घूम रहे हैं, लेकिन संविधान को कुचलने वाले भी यही लोग हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाया था कि क्या उन लोगों ने आज तक भारत की जनता से माफी मांगी है, जिन्होंने आपातकाल के दौरान 1 लाख से ज्यादा लोगों को सलाखों के पीछे रखा और 250 से अधिक पत्रकारों को बंदी बना लिया, मौलिक अधिकारों को कुचल दिया और लगभग 60 लाख लोगों को नसबंदी के लिए मजबूर किया? उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता तक उस दौर में समाप्त कर दी गई थी।

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