टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

राजसत्ता भौतिक विकास का माध्यम है जबकि मानसिक विकास के लिए जरूरी है धर्मसत्ता : सीएम

NULL

02:55 PM Dec 22, 2017 IST | Desk Team

NULL

अम्बाला: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आदर्श समाज व राष्ट्र की स्थापना के लिए केवल भौतिक विकास पर्याप्त नही है बल्कि नागरिकों का नैतिक विकास भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के मुताबिक भौतिक विकास की जिम्मेदारी राजसत्ता की है जबकि मानसिक व नैतिक विकास धर्मसत्ता के माध्यम से संभव है। मुख्यमंत्री प्रभु प्रेम आश्रम अम्बाला छावनी में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी द्वारा आयोजित दो दिवसीय अध्यात्मिक कार्यक्रमों के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा और अध्यात्मिकता के क्षेत्र में भारत ने आदिकाल से ही विश्वगुरू की भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों तथा देश के संतो और महापुरूषों के सहयोग से योग सहित अन्य क्षेत्रों में भारत विश्व गुरू की भूमिका के लिए आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि राजसत्ता के माध्यम से विभिन्न शिक्षण संस्थान स्थापित करके व्यक्ति को शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, ज्ञान और विज्ञान की जानकारी तो दी जा सकती है लेकिन मानसिक आनन्द और नैतिकता के विकास के लिए अध्यात्मिक ज्ञान जरूरी है। उन्होंने कहा कि राजसत्ता और धर्मसत्ता का उद्देश्य मानव मात्र का उत्थान करना है और दोनो क्षेत्र अपने-अपने तरीके से इस कार्य में सहयोग दे रहे हैं।

अधिक जानकारियों के लिए यहाँ क्लिक करें।

Advertisement
Advertisement
Next Article