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Rajasthan: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की एक टीम ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में एक अधिकारी और दो अंग दान समन्वयकों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पैसे के बदले फर्जी NOC जारी करने वाले आरोपियों में सवाई मानसिंह अस्पताल के एक अधिकारी और इटरनल हॉस्पिटल जयपुर (EHCC) और जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण समन्वयक शामिल हैं।
एसीबी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "सवाई मान सिंह अस्पताल के गिरफ्तार सहायक प्रशासनिक अधिकारी की पहचान गौरव सिंह के रूप में की गई है और दो निजी अस्पतालों के अंग दान समन्वयकों की पहचान अनिल जोशी और विनोद के रूप में की गई है।" पुलिस उप महानिरीक्षक (एसीबी) रवि के अनुसार, "SMS अस्पताल के कर्मचारियों और अंग प्रत्यारोपण में शामिल बिचौलियों को NOC जारी करने के लिए कथित तौर पर 70,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए अस्पताल में रंगे हाथों पकड़ा गया था।"
राज्य सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर बताया कि मामले में एसीबी द्वारा गिरफ्तारी के बाद गौरव सिंह को SMS अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद से निलंबित कर दिया गया है। EHCC अस्पताल के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "अस्पताल ने अनिल जोशी को निलंबित कर दिया है, जबकि फोर्टिस अस्पताल ने कहा है कि उन्होंने विनोद कुमार की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।" दोनों अस्पतालों ने कहा कि उन्होंने आंतरिक जांच शुरू कर दी है और जांच में अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे।