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राजस्थान : CM गहलोत ने केन्द्र सरकार से लम्पी स्किन रोग के प्रभावी नियंत्रण में सहयोग देने का आग्रह किया

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न जिलों में फैल रहे ढेलेदार त्वचा रोग पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से उन्हें बचाने के लिए वित्तीय और आवश्यक सहायता प्रदान करने और बीमारी के प्रभावी नियंत्रण में सहयोग करने का आग्रह किया है।

11:57 AM Aug 05, 2022 IST | Desk Team

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न जिलों में फैल रहे ढेलेदार त्वचा रोग पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से उन्हें बचाने के लिए वित्तीय और आवश्यक सहायता प्रदान करने और बीमारी के प्रभावी नियंत्रण में सहयोग करने का आग्रह किया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न जिलों में फैल रहे ढेलेदार त्वचा रोग पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से उन्हें बचाने के लिए वित्तीय और आवश्यक सहायता प्रदान करने और बीमारी के प्रभावी नियंत्रण में सहयोग करने का आग्रह किया है।
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श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पशु-पक्षियों के प्रति जागरुकता और संवेदनशीलता लेकर इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए हर संभव उपाय कर रही है. श्री गहलोत ने प्रदेश के पशुपालकों से धैर्य रखने तथा गौशाला संचालकों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से इस बीमारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है। 
किसानों को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुधन राजस्थान के किसानों की जीवन रेखा है। गौवंश पशुपालकों को अकाल की स्थिति में आर्थिक संबल प्रदान करते है। सदियों से पशुपालक पशुधन के बल पर विपरित परिस्थितियों से लड़ते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की बहुमूल्य पशुधन सम्पदा की महत्ता को बनाए रखने, उनके विकास एवं पशुधन उत्पादन की अभिवृद्धि के साथ-साथ पशुपालकों व किसानों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराकर आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि गौवंशीय पशुओं में लम्पी स्किन रोग राजस्थान राज्य सहित देश के गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में फैल रहा है। प्रदेश के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, पाली, सिरोही, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, चुरू, जयपुर, सीकर, झुंझुनू, उदयपुर, अजमेर एवं बीकानेर जिलों में रोग की पुष्टि हुई है। राज्य में अब तक 1.21 लाख पशु इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं। इनमें से 94 हजार पशुओं के उपचार के बाद 42 हजार ठीक हो गए हैं।
मॉनिटरिंग के लिए 30 अतिरिक्त वाहनों की स्वीकृति जारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि आपातकालीन आवश्यक औषधियां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को आठ से बारह लाख रूपए और बाकी प्रभावित जिलों को दो से आठ लाख रूपए सहित 106 लाख रूपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। यह राशि पूर्व में आपातकालीन बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर अन्य जिलों के औषधि भंडारों में उपलब्ध औषधियां प्रभावित जिलों में भेजी जा चुकी है। रोगी पशुओं का उपचार और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए 30 अतिरिक्त वाहनों की स्वीकृति जारी की गई है। जयपुर मुख्यालय से भेजे गए नोडल अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस रोग की सतत निगरानी के लिए प्रभावित जिलों के साथ-साथ जयपुर मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
केन्द्रीय कृषि एवं पशुपालन मंत्री के भी राज्य के दौरे पर आने की संभावना
श्री गहलोत ने बताया कि इस रोग की रोकथाम के लिए हर स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। पशुपालन मंत्री द्वारा गत 18 और 31 जुलाई को अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की गई और तीन अगस्त को जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वी.सी। के माध्यम से बीमारी के संक्रमण, रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों, दवा की उपलब्धता और चिकित्सा कर्मियों की स्थिति की जानकारी लेकर मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पशुपालन मंत्री ने गत दिनों जोधपुर जिले के फलोदी व आस-पास के क्षेत्र का दौरा कर धरातल पर वास्तविक स्थिति का भी जायजा लिया है। इस संबंध में छह अगस्त को केन्द्रीय कृषि एवं पशुपालन मंत्री के भी राज्य के दौरे पर आने की संभावना है।
इस संबंध में मुख्य सचिव उषा शर्मा द्वारा बुधवार को राज्य के 10 जिला कलक्टर एवं पशुपालन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विडियों कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बैठक कर लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति एवं रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की पुन: समीक्षा की।
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