Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

Rajasthan: गहलोत का 2023 मिशन- विधानसभा चुनाव से पहले जनता के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश

अटकलें भले ही पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में चल रही हों लेकिन वह राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में यह सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध दिख रहे हैं कि राज्य में एक बार फिर पार्टी की सरकार बने।

02:09 PM Aug 28, 2022 IST | Desk Team

अटकलें भले ही पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में चल रही हों लेकिन वह राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में यह सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध दिख रहे हैं कि राज्य में एक बार फिर पार्टी की सरकार बने।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहन मंथन करके सोचा कि  राज्य में विधानसभा चुनाव में फिर से एक बार कांग्रेस पार्टी की सरकार बने और राजस्थान में गहलोत की गाड़ी फिर से चल पड़े।  
Advertisement
विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत का मास्टर प्लान
राज्य में लगभग दो दशकों में ऐसा नहीं हुआ है कि लगातार दो बार किसी एक ही पार्टी की सरकार बनी हो। यहां सत्ता की बागडोर एक बार बार कांग्रेस तो एक बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथ बदलती रही है। लेक‍िन मुख्‍यमंत्री के एक करीबी के नेता के अनुसार, गहलोत इस बार इस परिपाटी को बदलना चाहते हैं और इसके लिए अपनी अनेक महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं एवं पहलों पर भरोसा कर रहे हैं।
जनता को जोड़ने और प्रभावित करने वाली पहलों में सबसे ताजा ‘ग्रामीण ओलंपिक खेल’ है, जो सोमवार से शुरू होने जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि राज्य भर से इसमें महिला एवं पुरुष मिलाकर लगभग 30 लाख लोग भाग लेंगे। इससे पहले गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू करने, सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में मुफ्त इलाज, सभी के लिए 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, बिजली बिल में सब्सिडी, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शहरी नौकरी गारंटी योजना की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकार 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन देने जा रही है जो संभवत: दीवाली से पहले मिलने लगेंगे।
उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य में पिछले दो दशक में कोई भी नेता लगातार दो बार मुख्‍यमंत्री नहीं बना है। जनता एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा को चुनती आई। मुख्‍यमंत्री के एक करीबी के अनुसार, गहलोत इस ‘‘ठप्‍पे’’ को इस बार मिटाने को प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं। हालांकि, उनके सामने कई चुनौतियां हैं। राज्य में विपक्षी भाजपा की ओर से कानून व्यवस्था और दलितों की स्थिति को लेकर उनकी सरकार पर हमला किया जा रहा है। लेकिन पार्टी के एक नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने पिछले अनुभवों से सीखा है। उन्‍होंने कहा, ‘‘दिसंबर 2018 में तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से वह बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं। गहलोत ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंचने के लिए कई फैसले लिए हैं।’’
गहलोत ने इस साल के बजट में कई योजनाओं की घोषणा 
राज्य के खेल मंत्री अशोक चंदना ने कहा कि खेलों से इतर राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रमुखता से दिखाया जाएगा। खेलों के इतिहास में यह पहली बार होगा जब लगभग 30 लाख लोग भाग लेंगे। इसके राजनीतिक लाभ के बारे में पूछे जाने पर, चंदना ने कहा, ‘‘यह समय बताएगा लेकिन जनता की प्रतिक्रिया वास्तव में बहुत मायने रखती है। जब अच्छा काम किया जाता है, तो यह निश्चित रूप से सकारात्मक प्रभाव डालता है।’’ पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन खेलों के माध्यम से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से एक करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाएगा।
गहलोत सरकार का दूसरा बड़ा फैसला कर्मचारियों को साधने का रहा है। उन्‍होंने अपने इस साल के बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की घोषणा की। इसका फायदा एक जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त लगभग तीन लाख कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को म‍िलेगा। कर्मचारी हित के ल‍िहाज से इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। वहीं, गहलोत ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए पिछले साल चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की थी जिसे इस साल बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया।
पार्टी सूत्रों ने बताया, ‘‘गहलोत ने पिछले कार्यकाल के दौरान मुफ्त दवा योजनाएं शुरू की थीं, जिससे लोगों को बड़े पैमाने पर फायदा हुआ था, लेकिन (नरेंद्र) मोदी लहर के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार, मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित किया है और पार्टी को निश्चित रूप से इसका राजनीतिक लाभ मिलेगा।’’
कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू
एक अन्य नेता ने कहा, ‘‘गहलोत ने इस साल के बजट में कई योजनाओं की घोषणा की है जो निश्चित रूप से पार्टी के लिए 2023 में वापसी करने में जमीनी स्तर पर लाभदायक सिद्ध होगी। गहलोत ने समाज के हर वर्ग को लाभान्वित किया है, चाहे वह किसान, युवा, महिला, पुरुष, निराश्रित, बुजुर्ग, व्यापारी और व्यवसायी हों।’’ उन्होंने कहा कि पिछले साल मई से शुरू हो रही एक हजार रुपये प्रति माह की सब्सिडी से लाखों किसानों के बिजली बिल शून्य हो गए हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रहा है।
साथ ही, गहलोत राज्य में ‘मोदी फैक्टर’ को संतुलित करने के लिए कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर लगातार हमले कर रहे हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस नेता ने अगले चुनाव के लिए 13 जिलों की पेयजल और सिंचाई की पानी की जरूरतों को पूरा करने वाली परियोजना पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को एक मुद्दा बनाने की कोशिश की है। इस परियोजना की अवधारणा वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा की गई थी और गहलोत बार-बार केंद्र से इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रहे हैं ताकि इसे समय पर पूरा किया जा सके।
Advertisement
Next Article