Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

राजस्‍थान सरकार शहरों में भी देगी 100 दिन के रोजगार की गारंटी, 9 सितंबर से होगी शुरुआत

राजस्‍थान सरकार शहरी इलाकों में जरूरतमंद परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी योजना शुक्रवार से शुरू कर रही है।

12:20 PM Sep 07, 2022 IST | Desk Team

राजस्‍थान सरकार शहरी इलाकों में जरूरतमंद परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी योजना शुक्रवार से शुरू कर रही है।

 राजस्‍थान सरकार शहरी इलाकों में जरूरतमंद परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी योजना शुक्रवार से शुरू कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस साल राज्य के बजट में घोषित इस ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना’ के लिए 2.25 लाख से अधिक परिवार पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं। सरकार ने इसके लिए 800 करोड़ रुपये का बजट रखा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा, ‘‘शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की यह देश की सबसे बड़ी योजना है। इसकी शुरुआत नौ सितंबर से होगी।’’
Advertisement
वही, उन्‍होंने बताया कि इस योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका अर्जन की दृष्टि से प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है। उन्होंने बताया कि योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा। योजना के तहत ‘जॉब’ (रोजगार) कार्डधारक परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोज़गार उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें ‘जॉब’ कार्ड रखने वाले परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं। योजना के लिए पंजीयन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है। एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है।
भुगतान सीधे ‘जॉब’ कार्डधारक के खाते में किया जाएगा
बता दें, योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है। आवेदन करने के पश्चात 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है। पारिश्रमिक का भुगतान सीधे ‘जॉब’ कार्डधारक के खाते में किया जाएगा।
योजना के नियमों के तहत इसमें श्रम एवं सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75:25 में निर्धारित किया गया है। विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों हेतु पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25:75 हो सकेगा। योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सफाई, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, विरासत संपदा संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे।
25 लाख से अधिक ‘जॉब कार्ड’ हुए जारी
इसी के साथ अधिकारियों के अनुसार अब तक 2.25 लाख से अधिक ‘जॉब कार्ड’ जारी हो चुके हैं। इसके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या तीन लाख 20 हजार से अधिक है। समस्त निकायों में 9,500 से अधिक कार्य चिन्हित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि चिन्हित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है तथा लगभग छह हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है।
पिछले दिनों हुई थी समीक्षा बैठक 
देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू किया गया था। अधिकारियों के अनुसार इस योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और देशभर में बेरोजगारों को रोजगार के अवसर आसानी से सुलभ होने लगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी योजना शुरू करने के लिए बजट में इसकी घोषणा की।
मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल ही में योजना की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें गहलोत ने कहा कि योजना में स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसे सामाजिक दायित्व व सरोकार के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले नगरीय निकायों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
Advertisement
Next Article