Rajesh Khanna Famous Dialogues: राजेश खन्ना के वो मशहूर डायलॉग जिसको सुनने के लिए लोग बार बार खरीदते थे टिकट
Rajesh Khanna Famous Dialogues: भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार Rajesh Khanna ने अपने बॉलीवुड करियर में 180 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उन्होंने 1966 में आई फिल्म आखिरी खत से बॉलीवुड में कदम रखा था। बस इसी के बाद से उनका सुपरस्टार बनने का सफर शुरू हो गया। उनकी फिल्मों के गाने के साथ-साथ डायलॉग्स भी सुपरहिट हुए। 'बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ में है' फिल्म 'आनंद' का यह डायलॉग आज भी उतना मशहूर है, जितना रिलीज के समय था।
राजेश खन्ना के डायलॉग्स की लोकप्रियता ऐसी थी कि लोग सिनेमाघरों में तालियां बजाते थे और बार-बार इसे सुनने के लिए टिकट खरीदते थे। उनकी डायलॉग डिलीवरी में एक खास लय और भाव था, जो उन्हें बाकी अभिनेताओं से अलग करता था। खासकर आनंद के डायलॉग्स को लोग आज भी दोहराते हैं, फैंस उन्हें प्यार से काका बुलाते थे। चलिए आज आपको उनके कुछ चुनिंदा डायलॉग्स फिर से याद कराते हैं...
Rajesh Khanna Famous Dialogues
1. फिल्म: आनंद
बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है जहांपनाह, जिसे न आप बदल सकते हैं न मैं, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिनकी डोर ऊपर वाले के उंगलियों में बंधी है। कब कौन कैसे उठेगा, ये कोई नहीं बता सकता।
2. फिल्म: आराधना
‘एक छोटा सा जख्म बहुत गहरा दाग बन सकता है और एक छोटी सी मुलाकात जीवन भर का साथ बन सकती है।’ यह डायलॉग फिल्म का हीरो, हीरोइन से कहता है।
3. फिल्म: ‘अमर प्रेम'
‘पुष्पा, मुझसे ये आंसू नहीं देखे जाते, आई हेट टियर्स’ डायलॉग तो राजेश खन्ना की पहचान का अहम हिस्सा बन गया। आज भी जब राजेश खन्ना का नाम सुनाई पड़ता है तो ‘आई हेट टियर्स’ वाला डायलॉग ही सबसे पहले दर्शकों के मन में आता है।
4. फिल्म: 'बावर्ची'
फिल्म 'बावर्ची (1972)' राजेश खन्ना की एक बेहतरीन फिल्म थी। इसमें ज़िंदगी के कई सबक भी हैं। इस फिल्म का एक डायलॉग है, 'किसी बड़ी खुशी के इंतज़ार में, हम छोटी-छोटी खुशियों के इन मौकों को गँवा देते हैं।' फिल्म में जब राजेश खन्ना यह डायलॉग बोलते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे वे दर्शकों को ज़िंदगी जीने का कोई कारगर मंत्र दे रहे हों।
5 .फिल्म: 'अवतार'
फिल्म 'अवतार (1983)' में राजेश खन्ना का खुद्दार इंसान का किरदार दर्शकों को खूब पसंद आया था। इस फिल्म का एक डायलॉग है, 'बड़ा आदमी वो होता है जो दूसरों को छोटा नहीं समझता', यह डायलॉग बताता है कि कोई भी इंसान बड़ा या छोटा नहीं होता, सब बराबर होते हैं।
6. फिल्म: रोटी
फिल्म रोटी समाज की एक बुराई को दर्शाती है. फिल्म का ये डायलॉग गरीबों के पल्ले एक रोटी न आने वाले दर्द को बयां करती है। राजेश खन्ना ने जिस इमोशन के साथ इस डायलॉग को बोला था, शायद ऐसे कोई और नहीं बोल पाता।
7. फिल्म: सफर
साल 1970 में राजेश खन्ना की फिल्म सफर रिलीज हुई थी। यह फिल्म एक रोमांटिक ड्रामा थी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. राजेश खन्ना फिल्म में एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे होते हैं, और वे इस डायलॉग को डॉक्टर से कहते हैं, जब डॉक्टर उन्हें अस्पताल में एडमिट होने की सलाह देता है।
1969 में आराधना के बाद राजेश खन्ना मेकर्स की पहली पसंद बन गये थे। इसके बाद 1969 से 1971 तक उन्होंने मर्यादा, अंदाज, कटी पतंग, मेहबूब की मेहंदी और आराधना जैसी कई फिल्में कीं जो बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुईं। राजेश खन्ना के नाम बैक टू बैक 15 हिट फिल्मे देने का रिकॉर्ड है। इनमें से एक थी हाथी मेरे साथी। 1971 में रिलीज हुई राजेश खन्ना की यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई थी। 18 जुलाई 2012 को 69 वर्ष की आयु में सुपरस्टार का निधन हो गया था।
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