Rama Ekadashi 2019: आज है रमा एकादशी, जानें महत्व, पूजा विधि, व्रत कथा और मुहूर्त
पांच भागों में तिथियों को हिंदू धर्म में बांटा गया है। हिंदू धर्म में एकादशी को नंदा यानी आनंद देने वाली तिथि बताया गया है।
06:35 AM Oct 24, 2019 IST | Desk Team
पांच भागों में तिथियों को हिंदू धर्म में बांटा गया है। हिंदू धर्म में एकादशी को नंदा यानी आनंद देने वाली तिथि बताया गया है। सारी तिथियों में सबसे श्रेष्ठ का दर्जा एकादशी तिथि को ही दिया गया है। बता दें कि हिंदू धर्म में हरिवासर के नाम से भी एकादशी को जाना जाता है। साथ ही नारायण दिवस के तौर पर भी एकादशी तिथि को कहा जाता है।
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ये महत्व है रमा एकादशी का
कार्तिक मास में एकादशी दिपावली के पहले आती है और इसे रमा एकादशी भी कहा जाता है। रमा एकादशी का नाम भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी पर रखा गया है। माता लक्ष्मी को रमा के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यताओं के अुनसार रमा एकादशी को बहुत ही पवित्र माना गया है और साथ ही कहा जाता है कि भगवान विष्णु अपनी कृपा व्रत रखने वाले भक्तों पर विशेष तौर पर बरसाते हैं। इस दिन व्रत रखने वालों को सभी सुख मिलते हैं। साथ ही वह पापों से भी मुक्त हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसे करें एकादशी का व्रत
हमारे ऋषियों ने पांच ज्ञानेंद्रियां, पांच कर्मेंद्रियां और एक मन, इन ग्यारह का नियंत्रण रखकर एकादशी का व्रत रखना चाहिए। जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें सुबह स्नान करके भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और तुलसी जी का ध्यान करके उनकी पूजा करें।
ये है रमा एकादशी व्रत की कथा
रमा एकादशी की कथा के मुताबिक, राजकुमार चन्द्रसेन एक बार अपने ससुराल गए थे और वहां पर एकादशी का व्रत सभी ने रखा हुआ था। राजकुमार ने भी अपने ससुराल वालों के कहने पर उपवास रख लिया था। लेकिन वह भूख प्यास सहन नहीं कर पाए थे जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई थी।
हालांकि राजकुमार को अप्सराओं के साथ सुंदर नगरी में एकादशी पर रहने का मौका मिला था। कहा जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना में राजकुमार की पत्नी उनकी मृत्यु के बाद लीन हो गई थीं।
कहा जाता है कि चन्द्रसेन की पत्नी चंद्रभागा को एक दिन इस बात का पता चला कि रमा एकादशी के पुण्य से उनके पति को उत्तम नगरी में स्थान मिला है,हालांकि इस नगरी से उन्हें पुण्य की कमी होने की वजह से जल्दी ही जाना पड़ गया। ऋषि वामदेव की मदद से कुछ भाग अपने पति को चंद्रभागा ने पुण्य का दे दिया और पति के पास वह स्वंय ही चली गईं।
ये है रमा एकादशी व्रत का मुहूर्त
24 अक्टूबर को इस बार रमा एकादशी व्रत है। 25 अक्टूबर को रमा एकादशी की पारणा तिथि है। 25 अक्टूबर को 6 बजकर 27 मिनट से 8 बजकर 42 मिनट तक रमा एकादशी पारणा का मुहूर्त है। इसकी अवधि 2 घंटे 14 मिनट तक रहेगा।
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