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RBI ने सॉवरेन हरित बॉन्ड में निवेश का किया ऐलान, कारोबार की देगा अनुमति
01:29 PM Apr 05, 2024 IST | Yogita Tyagi
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को गांधीनगर स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में सॉवरेन हरित बॉन्ड (SGRBs) में निवेश तथा कारोबार की अनुमति देने की घोषणा की। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में एक घोषणा के आधार पर जनवरी 2023 में सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी किए। इसके बाद, 2023-24 में सरकारी उधारी कार्यक्रम के तहत एसजीआरबी जारी किए गए। वर्तमान में सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्न मार्गों के तहत एसजीआरबी में निवेश करने की अनुमति है।
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- RBI ने सॉवरेन हरित बॉन्ड में कारोबार की अनुमति देने की घोषणा की
- सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी किए
RBI गवर्नर ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की

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आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने नए वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘एसजीआरबी में व्यापक स्तर पर प्रवासियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से अंतररराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में पात्र विदेशी निवेशकों को भी ऐसे बॉन्ड में निवेश करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार तथा IFSC प्राधिकरण के परामर्श से आईएफएससी में पात्र विदेशी निवेशकों द्वारा एसजीआरबी में निवेश व व्यापार के लिए एक योजना अलग से अधिसूचित की जा रही है।
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सरकार बना रही यह खास योजना

सरकार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी करके 12,000 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बना रही है। इस बीच, एक अन्य घोषणा में आरबीआई ने भुगतान सेवा प्रदाताओं समेत गैर-बैंक भुगतान प्रणाली संचालकों को इसके व्यापक इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट की पेशकश करने की अनुमति दी। वर्तमान में, अधिक इस्तेमाल के मामलों और अधिक भाग लेने वाले बैंकों के साथ खुदरा व थोक क्षेत्रों में सीबीडीसी शुरुआती परियोजना जारी है। दास ने कहा, ‘‘इस दृष्टिकोण को जारी रखते हुए गैर-बैंक भुगतान प्रणाली संचालकों को सीबीडीसी वॉलेट की पेशकश करने में सक्षम बनाकर, सीबीडीसी-रिटेल को उपयोगकर्ताओं के व्यापक वर्ग के लिए निरंतर तरीके से सुलभ बनाने का प्रस्ताव है।’’ उन्होंने कहा कि इससे कई तरीकों से लेनदेन को संभालने के लिए सीबीडीसी मंच की क्षमता का पता लगाने के अलावा उपयोगकर्ताओं के लिए पहुंच बढ़ाने तथा विकल्पों का विस्तार करने की उम्मीद है। गवर्नर ने कहा कि इसे सुविधाजनक बनाने के लिए तंत्र में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।
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