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रीयल एस्टेट कंपनियों की नजर छोटे शहरों पर

शॉपिंग मॉल में दुकानों के बढ़ते किराये, ई-वाणिज्य क्षेत्र से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने भवन निर्माण में लगी कंपनियों के सामने चुनौतियां खड़ी की हैं।

07:49 AM Sep 25, 2019 IST | Desk Team

शॉपिंग मॉल में दुकानों के बढ़ते किराये, ई-वाणिज्य क्षेत्र से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने भवन निर्माण में लगी कंपनियों के सामने चुनौतियां खड़ी की हैं।

नयी दिल्ली : शॉपिंग मॉल में दुकानों के बढ़ते किराये, ई-वाणिज्य क्षेत्र से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने भवन निर्माण में लगी कंपनियों के सामने चुनौतियां खड़ी की हैं। संपत्ति सलाहकार कंपनी जेएलएल की एक रपट के अनुसार इस वजह से अब रीयल एस्टेट कंपनियां छोटे शहरों में अपना कारोबार विस्तार कर रही हैं। 
जेएलएल इंडिया के प्रबंध निदेशक (खुदरा सेवा) शुभ्रांशु पाणि ने कहा कि रीयल एस्टेट कंपनियां क्षेत्र के खराब प्रदर्शन, भारी संख्या में खाली पड़ी दुकानों, किराये में बढ़ोत्तरी और ई-वाणिज्य क्षेत्र की बढ़त से कीमतों की कड़ी प्रतिस्पर्धा एवं खाली पड़ी दुकानों का खराब रख-रखाव जैसी विविध चुनौतियों से जूझ रही हैं। 
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए कंपनियां दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों का रुख कर रही हैं। खासकर के उन बाजारों में जहां रीयल एस्टेट ब्रांड अभी पहुंचे नहीं हैं। इन बाजारों में भवन इत्यादि की कीमत महानगरों के मुकाबले 30 से 40 प्रतिशत तक कम होती है। जेएलएल इंडिया की ‘अर्बनाइजेशन, एस्पिरेशन, इनोवेशन- द न्यू पैराडाइम ऑफ इंडिया रिटेल’ रपट को मंगलवार को जारी किया गया है। 
पाणि ने कहा कि रीयल एस्टेट डेवलपर्स दुकानों के आकार को उपयुक्त बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। उनकी कोशिश है कि एक ही स्थान पर दुकानों (शॉपिंग मॉल) की सुविधा देने के साथ-साथ अब ग्राहकों के लिए ज्यादा जगहों पर बाजार (छोटे-छोटे बाजार) बनाने पर ध्यान दे रहे हैं।
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