For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

गणतंत्र दिवस झांकी विवाद : राजनाथ ने ममता को बंगाल की झांकी न होने की बताई ये वजह !

गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार किए जाने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सूचित किया

04:09 AM Jan 19, 2022 IST | Shera Rajput

गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार किए जाने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सूचित किया

गणतंत्र दिवस झांकी विवाद   राजनाथ ने ममता को बंगाल की झांकी न होने की बताई ये वजह
गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार किए जाने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सूचित किया कि इस अवसर के लिए केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने से संबंधित है।
Advertisement
पश्चिम बंगाल की झांकी को परेड के लिए शामिल नहीं किया गया – TMC
हालांकि बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि इससे राज्य की ‘‘गरिमा को ठेस पहुंची है।’’
सिंह ने अपने पत्र में संकेत दिया कि क्योंकि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में पहले से ही बोस को दिखाया गया है इसलिए पश्चिम बंगाल की झांकी को परेड के लिए शामिल नहीं किया गया।
Advertisement
उन्होंने प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिए जाने वाले महत्व की भी उन्हें (ममता को) याद दिलाई।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने 1943 में निर्वासन में बनी नेताजी की सरकार की 75वीं वर्षगांठ 2018 में बड़ी धूमधाम से मनाई थी। यह हमारी सरकार थी जिसने गणतंत्र दिवस परेड में आजाद हिंद फौज के जीवित सैनिकों को शामिल किया और उनका अभिनंदन किया।”
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में, बनर्जी ने बोस और उनकी आजाद हिंद फौज पर आधारित राज्य की झांकी को अस्वीकार करने पर “आश्चर्य” व्यक्त किया था। झांकी में रवींद्रनाथ टैगोर, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद और श्री अरबिंदो जैसे अन्य बंगाली प्रतीक भी शामिल थे।
बनर्जी ने प्रधानमंत्री से फैसले पर पुनर्विचार करने का किया आग्रह 
बनर्जी ने प्रधानमंत्री से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने से पश्चिम बंगाल के लोगों को “दुख” होगा। उन्होंने कहा था कि झांकी को खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया।
बोस की बेटी अनीता बोस-फाफ ने सोमवार को कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी की विरासत का राजनीतिक वजहों के लिए अक्सर ‘आंशिक रूप से दोहन’’ किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता में 2021 में नेताजी के 125वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत कहीं न कहीं पश्चिम बंगाल के चुनावों से जुड़ी हुयी थी।
उन्होंने कहा, “…पिछले साल, जयंती वर्ष का उद्घाटन कोलकाता में सभी जगहों पर बड़े पैमाने पर किया गया, (इसका) बंगाल में चुनाव और चुनावी संभावनाओं से कुछ लेना-देना था। तथ्य यह है कि इस साल कुछ भी नहीं हुआ …. निश्चित रूप से यह मुद्दा उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना पिछले साल था।”
बनर्जी को अपने पत्र में सिंह ने कहा, “यहां, मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि इस बार सीपीडब्ल्यूडी की झांकी भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करती है। ये सभी तथ्य इस बात का प्रमाण हैं कि महान नेता की जयंती पर उन्हें कितना महत्व दिया जा रहा है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके पत्र ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की “सभी शंकाओं” को दूर कर दिया।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने सिंह के पत्र और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिनमें कहा गया है कि प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक विशेषज्ञ समिति राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा भेजे गए झांकी प्रस्तावों में से चयन करती है।
केंद्र ने बंगाल की गरिमा को ठेस पहुंचाई –  तृणमूल कांग्रेस
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने बंगाल की गरिमा को ठेस पहुंचाई है, जो स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे रहा है और नेताजी का कर्मक्षेत्र है… झांकी के पीछे इतना प्रयास और शोध चला लेकिन राजनीतिक कारणों से इसे बिना किसी कारण के सरसरी तौर पर खारिज कर दिया गया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की उपेक्षा की है जो बंगाल के बिना अधूरा है।’’
गणतंत्र दिवस परेड के लिए केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की झांकियों को शामिल नहीं करने के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह बात नई दिल्ली में कही।
झांकियों को शामिल नहीं करने के फैसले पर उठे विवाद के बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह बयान दिया। इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने हालांकि, गणतंत्र दिवस परेड में बोस पर सीपीडब्ल्यूडी की झांकी को शामिल करने के निर्णय के लिए केंद्र को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश के लोग सराहना करते हैं कि भारत सरकार गणतंत्र दिवस परेड 2022 के लिए नेताजी की झांकी बना रही है। लेकिन राज्य सरकार की झांकी को भी अनुमति देने में कोई हर्ज नहीं था। हालांकि, नेताजी को असली श्रद्धांजलि देश को आगे ले जाने के लिए सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने के लिए उनकी समावेशी विचारधारा का पालन करना और लागू करना होगा।’’
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
×