हरियाणा में नमो भारत कॉरिडोर की समीक्षा, तीन परियोजनाओं पर जोर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की सफलताएँ
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने नमो भारत कॉरिडोर की समीक्षा की, जिसमें तीन प्रमुख परियोजनाओं पर जोर दिया गया। उन्होंने दिल्ली-एसएनबी और दिल्ली-करनाल परियोजनाओं की मंजूरी में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में कॉरिडोर की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा हुई, जो यातायात की भीड़ को कम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एनसीआर क्षेत्र में आठ नमो भारत कॉरिडोर परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिसके तहत तीन कॉरिडोर वर्तमान में चरण में कार्यान्वयन के अधीन हैं। इनमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ (82 किमी), दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (105 किमी) और दिल्ली-पानीपत-करनाल (136 किमी) मार्ग शामिल हैं। बैठक में हरियाणा के पर्यावरण और वन मंत्री राव नरबीर सिंह भी शामिल हुए। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने यातायात की भीड़ को कम करने, क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने और हरियाणा के शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ाने में नमो भारत कॉरिडोर (आरआरटीएस) की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को दिल्ली-एसएनबी और दिल्ली-करनाल परियोजनाओं के लिए मंजूरी में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि उनका समय पर पूरा होना सुनिश्चित हो सके।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर
बैठक में बताया गया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर ने 55 किलोमीटर सेक्शन पर सफल संचालन और अत्यधिक सकारात्मक सार्वजनिक प्रतिक्रिया के साथ महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि नमो भारत कॉरिडोर का डिजाइन भविष्य के लिए तैयार होना चाहिए और सिस्टम की उपयोगिता बढ़ाने के लिए मेट्रो सिस्टम के साथ कुशल एकीकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर से संबंधित संरेखण, स्टेशनों और भूमि आवश्यकताओं की समीक्षा की। उन्होंने विभागों को परियोजनाओं की शीघ्र शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए एनसीआरटीसी को आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार
नमो भारत ट्रेन की अधिकतम डिजाइन गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा है, तथा अंतर-स्टेशन दूरी 5-10 किलोमीटर है तथा ट्रेन की आवृत्ति हर 5-10 मिनट पर है। इसमें प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर तथा स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली भी होगी।