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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन डाले केंद्र : आप

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02:57 PM Apr 03, 2018 IST | Desk Team

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चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने मांग की है कि अनुसूचित जातियों व अनुसूचित कबीलों (एस.सी-एस.टी) एक्ट संबंधी सप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार रिव्यू पटीशन दायर करे व भविष्य में यकीनी बनाए कि भारतीय संविधान के पितामा बाबा साहिब डा. बी.आर. अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान मसौदे की असल भावना के साथ बिना वजह छेडछाड़ न की जाए। जिससे दलितों, पिछड़े कबीले, सामाजिक व आर्थिक तौर पर दबे-कुचले गरीबों व अल्पसंख्यक में असुरक्षित का डर पैदा होता हो।

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जारी प्रैस ब्यान में पार्टी के प्रदेश सह-प्रधान डा. बलवीर सिंह ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ वोट को हड़पने के लिए देश के आपसी भाईचारे व विभिन्नताओं से भरपूर अखंडता को सोची समझी साजिश के तहत दांव पर लगाया जा रहा है। मुठ्ठी भर अमीर ओर अमीर होते जा रहे हैं और दलितों-गरीबों समेत बहु संख्यक आम आदमी दिन प्रती दिन ओर गरीब और कर्जदार होता जा रहा है। भडक़ाउ नारों से देश की जनता को धर्म व जात-पात के नाम पर बांटने व आपस में लड़ाने की एक साजिश हो रही है तांकि देश की जनता गरीबी, असमानता, भुखमरी, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, व्यापारक उद्योगिक व किसानी-मजदूरी की मंदहाली जैसे ज्वलंत मामलों को भूल कर क्षेत्रवाद, धर्म व जात-पात के नाम पर आपस में लड़ती-झगड़ती रही है।

इस की ताजा मिसाल आज की डीजल व पेट्रोल की कीमतें हैं। पैट्रोल चार वर्षों में सबसे उच्च स्तर पर है जबकि डीजल 70 वर्षों के इतिहास में सबसे महंगे मूल्य पर है परंतू देश बंद एस.सी-एस.टी मुद्दे पर हो रहा है। डा. बलवीर सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की लोक विरोधी नीतियों व नीयत के कारन हालात इस हद तक आ गए हैं कि सुप्रीम कोर्ट के एक सीनियर जज द्वारा चीफ जसटिस को चिट्टी लिख कर अपील करनी पड़ी है कि कानूनी व संविधानिक मामलों में बढ़ रही राजनीतिक दखल-अंदाजी पर नकेल कसी जाए। डा. बलवीर सिंह ने कहा कि पंजाब समेत पूरे देश को इस बात से सुचेत होना होगा कि अगर किसी कानून या नियम का गलत इस्तेमाल होता है तो बिमारी की असली जड़ भ्रष्ट सिस्टम है, जब तक भ्रष्टाचार व गैर जिम्मेवाराना सोच से भरे सिस्टम को बदल कर सीधा नहीं किया जाता तब तक संविधानिक संशोधन भी कानून का गलत इस्तेमाल या न इस्तेमाल वाले रवैये को जवाबदेही नहीं बना सकेंगे।

देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ।

(आहूजा)

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