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RJD ने 119 उम्मीदवारों की सूची जारी कर किया जीत का दावा, EC से मिला प्रतिनिधिमंडल

चुनाव आयोग ने आज देर रात स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे घोषित करने के मामले में उस पर कोई बाहरी दवाब नहीं है।

12:25 AM Nov 11, 2020 IST | Shera Rajput

चुनाव आयोग ने आज देर रात स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे घोषित करने के मामले में उस पर कोई बाहरी दवाब नहीं है।

चुनाव आयोग ने आज देर रात स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे घोषित करने के मामले में उस पर कोई बाहरी दवाब नहीं है। 
आयोग ने राष्ट्रीय जनता दल के इस दावे के खंडन भी किया कि उसके 119 उम्मीदवारों की जीत हो गयी है लेकिन रिटर्निंग आफिसर विजय का प्रमाण पत्र नही दे रहे है। आयोग ने साफ किया कि अभी तक केवल 146 सीटों के नतीजे आये है और 97 सीटों के रुझान मिले हैं। 
आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा और उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने आज रात दस बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी। 
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग मतगणना की पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए मतों की गिनती का काम तेजी से कर रहा है और अंतिम नतीजे प्राप्त हो गए हैं और कुछ ही चरणों की मतगणना अब शेष रह गई है। 
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में जीत का अंतर अस्वीकृत पोस्टल बैलट पेपर से कम है वहां दोबारा उस पोस्टल बैलट की गिनती होगी। उन्होंने कहा कि 18 मई 2019 को आयोग ने इस सम्बंध में एक निर्देश जारी किया हुआ है जिसके तहत ही यह कदम उठाया गया है। 
उन्होंने कहा कि एक घंटा पहले एक राजनीतिक दल ने यह शिकायत की थी कि उसके विजयी उम्मीदवारों को जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा जबकि आयोग की वेबसाइट पर 146 सीटों के नतीजे आये हैं और 97 पर रुझान आये हैं। यह सार्वजनिक रूप से लोगों की नजर में हैं। उन्होंने कहा कि मतों की गिनती में पूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और उस पर कोई दवाब काम नही कर रहा है। 
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इससे पहले आज शाम पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि मतगणना अधिकारियों को कहा गया है कि वे जल्दबाजी में मतों की गिनती का काम न करें। 
उन्होंने यह भी बताया कि मतों की गिनती की रफ्तार में धीमी नही है बल्कि कोविड-19 के नए दिशानिर्देशों को की वजह से मतगणना का काम पहले की तरह नहीं किया जा रहा है। मतदान केंद्रों की संख्या और ईवीएम संख्या बढ़ने के कारण मतगणना का काम अधिक हो गया है।
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