टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलसरकारी योजनाहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

LAC पर सैनिकों को पीछे हटाने के भारत, चीन के प्रयासों पर रूस ने जताई खुशी, कहा - स्थिरता महत्वपूर्ण

रूस ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हो रहे घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए है और भारत एवं चीन द्वारा अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने के प्रयासों से वह उत्साहित है तथा रचनात्मक वार्ता को प्रोत्साहन देगा।

04:01 PM Apr 14, 2021 IST | Ujjwal Jain

रूस ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हो रहे घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए है और भारत एवं चीन द्वारा अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने के प्रयासों से वह उत्साहित है तथा रचनात्मक वार्ता को प्रोत्साहन देगा।

रूस ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हो रहे घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए है और भारत एवं चीन द्वारा अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने के प्रयासों से वह उत्साहित है तथा रचनात्मक वार्ता को प्रोत्साहन देगा। 
Advertisement
रूसी शिष्टमंडल के उपप्रमुख रोमन बाबुषकिन ने कहा कि रूस दोनों पक्षों को ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और आरआईसी (रूस-भारत-चीन) त्रिपक्षीय संगठनों जैसे साझा बहुपक्षीय मंचों पर अपने संबंधों को बेहतर बनाने के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। 
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम एलएसी पर हो रहे घटनाक्रमों को देख रहे हैं। हम रचनात्मक एवं अग्रगामी संवाद को बढ़ावा देने के लिए एलएसी से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रयासों पर भारत और चीन के विचार करने से उत्साहित हैं। यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण शर्त है।” 
भारत और चीन दोनों ही शंघाई सहयोग संगठन , रूस आरआईसी संगठन और ब्रिक्स के सदस्य हैं। रूसी राजदूत निकोलय कुदाशेव ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया, जब उनसे पूछा गया कि पूर्वी लद्दाख और अन्य स्थानों पर चीन की आक्रमकता का मुद्दा क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच हुई हालिया वार्ताओं में उठा था। 
उन्होंने कहा कि यह वार्ता द्विपक्षीय मुद्दों और साल की दूसरी छमाही में वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए तैयारियों पर केंद्रित थी। यह बातचीत “ एकीकृत एजेंडा” पर केंद्रित थी, चाहे वह द्विपक्षीय संबंध हों या फिर बहुपक्षीय सहयोग। 
कई दौर की सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के परिणामस्वरूप एक समझौते के तहत भारत और चीन ने फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों तथा हथियार प्रणाली को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। 
दोनों पक्ष अब क्षेत्र में टकराव वाले स्थानों से भी सैनिकों एवं सैन्य साजोसामान को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर बातचीत कर रहे हैं। 
पिछले हफ्ते, भारत और चीनी की सेना के बीच 11वें चरण की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने, किसी नयी घटना को नहीं होने देने और लंबित समस्याओं के त्वरित समाधान पर सहमति जताई थी। 
Advertisement
Next Article