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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की आरक्षित जवानों की आंशिक तैनाती की घोषणा

यूक्रेन के साथ करीब सात माह से जारी युद्ध में मिले झटकों के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की और रूस की संप्रभुता के लिए इसे आवश्यक बताते हुए आरोप लगाया

01:03 AM Sep 22, 2022 IST | Shera Rajput

यूक्रेन के साथ करीब सात माह से जारी युद्ध में मिले झटकों के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की और रूस की संप्रभुता के लिए इसे आवश्यक बताते हुए आरोप लगाया

यूक्रेन के साथ करीब सात माह से जारी युद्ध में मिले झटकों के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की और रूस की संप्रभुता के लिए इसे आवश्यक बताते हुए आरोप लगाया कि पश्चिमी देश उनके देश (रूस) को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि 3,00,000 ‘रिजर्विस्ट’ (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है।
पुतिन ने टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे लहजे में पश्चिमी देशों से कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और ‘‘यह कोरी बयानबाजी’’ नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ हो जाएगी।
रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है जो ‘सैन्य आरक्षित बल’ का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेवाएं नहीं देता है।
यूक्रेन की सेना ने सितंबर महीने में बड़े पैमाने पर उन क्षेत्रों में पुन: कब्जा कर लिया है जिन पर रूसी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था।
पुतिन ने कहा कि विस्तारित सीमा रेखा, यूक्रेन की सेना द्वारा रूसी सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार गोलाबारी और मुक्त कराए गए क्षेत्रों पर हमलों के लिए रिजर्व से सैनिकों को बुलाना आवश्यक था।
उनके इस संबोधन के ठीक एक दिन पहले दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन के रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों ने घोषणा की कि वे रूस का अभिन्न अंग बनने के लिये 23 से 27 सितंबर के बीच जनमत संग्रह कराएंगे।
पुतिन के संबोधन के तुरंत बाद, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने घोषणा की कि आंशिक तैनाती लिए 3,00,000 लोगों को बुलाया जाएगा। उन्होंने रशिया -24 टीवी से कहा, Òतीन लाख रिजर्व सैनिकों को बुलाया जाएगा।Ó
पुतिन की घोषणा की आलोचना करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के साथ “क्रूर और बेवजह” युद्ध कर, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के “मूल सिद्धांतों का शर्मनाक तरीके से उल्लंघन” किया है।
संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान बाइडन ने रूस के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पुतिन द्वारा यूरोप पर परमाणु हथियारों से हमले की नयी धमकी से पता चलता है कि रूस परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने के बावजूद गैर जिम्मेदाराना तरीके से उसके प्रावधानों की “धज्जियां उड़ा रहा है।”
बाइडन ने कहा, “हम रूस के हमले के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े रहेंगे।”
पुतिन के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि विश्व रूसी राष्ट्रपति को परमाणु हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देगा।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जेलेंस्की ने जर्मन अखबार ‘बिल्ड’ से कहा, Òमुझे नहीं लगता कि वह (पुतिन) इन हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। मुझे नहीं लगता कि दुनिया उन्हें इन हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति देगी।Ó
ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा कि सैनिकों को जुटाने के पुतिन के फैसले से पता चलता है कि उनका आक्रमण नाकाम हो रहा है। वालेस ने एक बयान में कहा कि पुतिन और उनके रक्षा मंत्री ने अपने हजारों नागरिकों को मौत के लिए भेज दिया जो न तो ठीक से सुसज्जित हैं और न ही उनका नेतृत्व सही है।
इस बीच चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण हल के सभी प्रयासों का समर्थन किया जाना चाहिए।
सरकार द्वारा संचालित चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध की हालिया स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वांग ने संवाददाताओं से कहा कि यूक्रेन पर चीन की स्थिति स्पष्ट और एक समान रही है। उन्होंने कहा कि सभी देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
पुतिन ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि पश्चिमी देश रूस को कमजोर करने, विभाजित करने और अंततः नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा Òवे अब खुलेआम कह रहे हैं कि 1991 में वे सोवियत संघ को विभाजित करने में सफल रहे और अब रूस के साथ भी ऐसा ही करने का समय आ गया है जिसे कई क्षेत्रों में विभाजित किया जाना चाहिए…।’’
उन्होंने यूक्रेन सरकार पर भाड़े के विदेशी सैनिकों और राष्ट्रवादियों, ‘नाटो’ मानकों के अनुसार प्रशिक्षित सैन्य इकाइयों को लाने और पश्चिमी सलाहकारों से आदेश लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज रूसी सैनिक 1,000 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा रेखा पर लड़ रहे हैं और वे न केवल नव-नाजी इकाइयों के खिलाफ बल्कि पश्चिम की पूरी सैन्य मशीनरी के खिलाफ लड़ रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों पर ‘‘परमाणु ब्लैकमेलिंग’’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ जो रूस के संबंध में इस प्रकार के बयान देते हैं मैं उन्हें यह याद दिलाना चाहता हूं कि हमारे देश में भी तबाही के अनेक साधन हैं जो नाटो देशों से अधिक आधुनिक हैं। जब हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा किया जाएगा तो रूस की और अपने लोगों की रक्षा के लिए हम हमारे पास मौजूद सभी साधनों का इस्तेमाल करेंगे।’’
पुतिन ने कहा, ‘‘हम केवल आंशिक तैनाती की बात कर रहे हैं, ऐसे नागरिक जो रिजर्व में हैं उनकी अनिवार्य तैनाती की जाएगी। उनमें भी सबसे पहले जो सशस्त्र बलों में सेवाएं दे चुके हैं उनके पास अनुभव है और दक्षता है, वह आएंगे।’’
रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक यूक्रेन के साथ सैन्य अभियान में रूस के 5,937 जवान मारे गए हैं और यूक्रेन के 61,207 सैनिक मारे गए हैं।
मार्च के बाद पहली बार रूस ने सैन्य अभियान के दौरान अपने नुकसान को स्वीकार किया है। मार्च के अंत में हताहत रूसी जवानों की संख्या 1,351 थी।
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