नीदरलैंड पहुंचे एस जयशंकर, भारत-नीदरलैंड संबंधो पर की गहन चर्चा
यूरोपीय संघ से संबंधों को गहरा करने पर जोर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नीदरलैंड में कैस्पर वेल्डकैंप से मुलाकात कर भारत-नीदरलैंड संबंधों पर चर्चा की। दोनों ने आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर जोर दिया और यूरोपीय संघ के साथ द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर विचार किया। जयशंकर ने रणनीतिक विशेषज्ञों से भी मुलाकात की और बहुध्रुवीयता के युग में गहन जुड़ाव की आवश्यकता पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को नीदरलैंड के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। तीन देशों की छह दिन की यात्रा के पहले चरण में वह 19 मई को नीदरलैंड की प्रशासनिक राजधानी हेग पहुंचे। इसके अलावा, वह डेनमार्क और जर्मनी भी जाएंगे। बैठक के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज हेग में मेरी मेजबानी करने के लिए नीदरलैंड के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप का धन्यवाद। पहलगाम हमले की नीदरलैंड द्वारा की गई कड़ी निंदा की सराहना करता हूं। आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता के लिए समर्थन के लिए भी। यूरोपीय संघ के साथ हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और जुड़ाव को गहरा करने पर व्यापक चर्चा हुई। बहुध्रुवीयता के युग में वैश्विक स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। यूरोपीय देश के विदेश मंत्री के अलावा, जयशंकर ने भारत और नीदरलैंड के बीच गहन जुड़ाव पर केंद्रित चर्चाओं के साथ रणनीतिक विशेषज्ञों से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क, जर्मनी की यात्रा पर रहेंगे
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “आज सुबह हेग में रणनीतिक विशेषज्ञों के साथ विचारों का अच्छा आदान-प्रदान हुआ। चर्चा हुई कि भारत और नीदरलैंड/यूरोपीय संघ को बहुध्रुवीयता और रणनीतिक स्वायत्तता के युग में और अधिक गहराई से क्यों जुड़ना चाहिए। इससे पहले, नीदरलैंड में भारतीय राजदूत कुमार तुहिन और वहां के विदेश मंत्रालय में प्रोटोकॉल और मेजबान राष्ट्र मामलों के विभाग की निदेशक गैब्रिएला सैंसी ने एस. जयशंकर का स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री की यात्रा भारत की चल रही कूटनीतिक गतिविधियों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रणनीतिक संबंधों को गहरा करना और प्रमुख यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाना है, जिसमें रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, निवेश और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा, “यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री तीनों देशों के नेतृत्व से मिलेंगे और द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के क्षेत्रीय तथा वैश्विक मामलों पर अपने समकक्षों के साथ चर्चा करेंगे।”