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एक बार फिर रामायण के पात्रों के जरिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की दुनिया भर में बढ़ती वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया है। बता दें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक अनुसांगिक संगठन भारतीय विचार केंद्रम (बीवीके) की ओर से आयोजित तीसरे पी परमेश्वरन मेमोरियल लेक्चर को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे रामायण में भगवान राम और लक्ष्मण की जोड़ी थी, वैसे ही हर देश को अपने आसपास मजबूत दोस्ती की जरूरत होती है।
आपको बता दें विदेश मंत्री ने कहा कि तेजी के साथ विकसित हो रहे भारत (India) को वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार होना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि हमें हमारा इतिहास नहीं भूलना है, हमारी सभ्यता नहीं भूलनी है क्योंकि यही चीजें हमें बाकी दुनिया से अलग करती हैं। सामरिक, आर्थिक, वैज्ञानिक मोर्चे पर तेजी से विकसित होते भारत के आसपास रहने वाले पड़ोसियों की सुरक्षा का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि मौजूदा समय में भारत की बदलती वैश्विक स्थिति महत्वपूर्ण है। इसकी वजह है कि आज भारत के पड़ोसी अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं और भारत के प्रति उनका विश्वास और सम्मान बढ़ा है। उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी दुनिया ने भारत के प्रति इसी विश्वास को देखा।
इससे पहले भी जयशंकर कई मौकों पर रामायण का जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में अपनी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' पर चर्चा के दौरान कहा था कि रामायण में कई बेहतरीन डिप्लोमैट हुए हैं। हमें राम और लक्ष्मण के रूप में एक महान साझेदारी भी देखने को मिली हैं। रामायाण में कई बेहतरीन डिप्लोमैट थे. हर कोई हनुमान की बात करता है, लेकिन वहां अंगद भी थे. हर किसी ने कूटनीतिक स्तर पर अपना योगदान दिया है। भारत में हम राम-लक्ष्मण की जोड़ी का नाम लेते हैं।