Saharanpur News: नानौता में स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी का बड़ा पर्दाफाश, 500 रुपये में किया जा रहा था जुगाड़
Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नानौता कस्बे में बिजली विभाग की जांच टीम ने स्मार्ट मीटर में बड़ी गड़बड़ी का पर्दाफाश किया है। बिजली मीटर लगाने वाली कंपनी के कुछ कर्मचारियों पर उपभोक्ताओं से ठगी करने और मीटर के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। जांच के दौरान यह सामने आया कि स्मार्ट मीटर के अंदर जानबूझकर छेड़खानी की गई थी, जिससे उपभोक्ताओं का बिजली बिल कम आए।
Saharanpur News: 500 रुपये लेकर किया गया मीटर में 'जुगाड़'
करीब दो महीने पहले नानौता क्षेत्र में 33/11 विद्युत उपकेंद्र के अंतर्गत स्मार्ट मीटर लगाए गए थे। यह काम एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर (AMISP) योजना के तहत एनटल कंपनी द्वारा किया गया। आरोप है कि कंपनी के ठेकेदार और कर्मचारियों ने कई उपभोक्ताओं को कम बिल आने का लालच देकर प्रति घर 500 रुपये लिए और मीटर के अंदर न्यूट्रल तारों को शॉर्ट कर दिया। इससे बिजली की खपत कम दिखने लगी और बिल भी कम आया।

Uttar Pradesh News: विभाग की जांच में हुआ खुलासा
गुरुवार सुबह बिजली विभाग की टीम ने नानौता नगर में चेकिंग अभियान चलाया। इस टीम में एक्सईएन विजय कुमार, एसडीओ अंशु मान, मीटर अवर अभियंता जितेन्द्र कुमार और नगर अभियंता संजीव कुमार शामिल थे। इस दौरान कुछ मीटरों की जांच की गई तो हैरान करने वाली बातें सामने आईं।
Smart Meter Malfunction: सील सही लेकिन अंदर छेड़छाड़
जांच टीम ने पाया कि मीटर की सील पूरी तरह सुरक्षित थी, जिससे यह प्रतीत होता है कि उपभोक्ताओं ने खुद कोई छेड़छाड़ नहीं की। लेकिन जब मीटर को खोला गया तो उसके अंदर न्यूट्रल वायर को आपस में शॉर्ट किया हुआ पाया गया। यह तकनीकी बदलाव ऐसा था जिससे मीटर कम यूनिट दिखाता है, और उपभोक्ता का बिल कम बनता है।

उपभोक्ताओं ने बताया कर्मचारियों की करतूत
स्थानीय उपभोक्ताओं ने जांच टीम को बताया कि जब उनके यहां स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे थे, तब कुछ कर्मचारियों ने उनसे कहा कि वे ऐसा मीटर लगा देंगे जिससे बिल कम आएगा। इसके बदले उन्होंने प्रति उपभोक्ता 500 रुपये लिए और मीटर के अंदर छेड़छाड़ की। उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि उन्होंने मीटर को कभी नहीं छुआ और सारी सेटिंग्स बिजली विभाग के कर्मचारियों ने ही की थीं।

अब कार्रवाई की बारी
जांच में जब यह सामने आया कि मीटर की सील नहीं टूटी थी और उपभोक्ताओं द्वारा कोई छेड़छाड़ नहीं की गई, तो अब सारा सवाल एनटल कंपनी के कर्मचारियों की ओर मुड़ गया है। यह देखना होगा कि बिजली विभाग इस मामले में क्या सख्त कदम उठाता है और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।