अयोध्या के संतों ने त्रिकाल शराब पर जताया विरोध, सख्त कार्रवाई की मांग
सनातन धर्म के नाम पर शराब का विरोध, सख्त कार्रवाई की मांग
अयोध्या के संतों ने रेडिको खेतान कंपनी की त्रिकाल शराब के नाम पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने केंद्र सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि सनातन धर्म के नाम का उपयोग शराब के लिए करना निंदनीय है। संत समाज ने चेतावनी दी है कि अगर नाम में बदलाव नहीं किया गया तो कंपनी के लिए यह उल्टा पड़ सकता है।
रेडिको खेतान कंपनी के ‘त्रिकाल’ नाम के शराब को मार्केट में लाने पर साधु-संतों और धर्म गुरुओं में आक्रोश है। अयोध्या के साधु-संतों ने केंद्र सरकार से कंपनी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। अयोध्या से जगतगुरु परमहंस आचार्य ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “मदिरा के लिए सनातन के नाम का उपयोग करना अत्यंत निंदनीय है। इसलिए इस कंपनी को एक सनातन धर्माचार्य होने के नाते मैं सुझाव और चेतावनी दोनों दे रहा हूं कि इसमें संशोधन करके नाम में बदलाव करें। पैसा कमाने के लिए सनातन को बदनाम करना बर्दाश्त के बाहर है। कहीं ऐसा न हो कि यह कंपनी के लिए उल्टा पड़ जाए।”
‘त्रिकाल’ व्हिस्की पर संत समाज नाराज, बोला- नहीं बदला नाम तो कंपनी के खिलाफ होगा आंदोलन
अयोध्या धाम से सीताराम दास ने शराब कंपनी की निंदा की। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करूंगा कि ऐसी कंपनी जो हमारे सनातन धर्म पर कुठाराघात करने का काम कर रही है, सनातन के नाम पर अधर्म करने का जो प्रयास किया गया, उसे चिह्नित करके कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी विचारधारा को तुरंत कुचलना चाहिए। हमारे ‘त्रिकाल’ के नाम पर शराब का नाम रखना निंदनीय है, तुरंत कार्रवाई करते हुए कंपनी को बैन करना चाहिए।”
अयोध्या के हनुमानगढ़ी से देवेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि ‘त्रिकाल’ शब्द हमारे यहां बहुत ही सम्मानित और महत्वपूर्ण है। सनातन में इसका बहुत महत्व है। कंपनी को शराब का कोई भी नाम रखने से पहले बहुत सोच-विचार करना चाहिए। लोगों से परामर्श लेना चाहिए। भारत सरकार से मेरी अपील है कि इस पर तत्काल कार्रवाई करे। संत समाज इसका विरोध करेगा।उल्लेखनीय है कि रेडिको खेतान नामक कंपनी ने अपनी भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की सिंगल माल्ट बोतल पर ‘त्रिकाल’ नाम का इस्तेमाल किया है, जिसकी कीमत 3,500-4,500 रुपए है। टील लेबल वाली व्हिस्की की बोतल पर बंद आंखों वाले चेहरे और माथे पर एक चक्र की रेखा खींची गई है। इसी को लेकर देशभर में विरोध तेज है और कंपनी से ब्रांड का नाम और फोटो बदलने की मांग की जा रही है।