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सैम पित्रोदा ने मांगी माफी , कहा - जो हुआ, बुरा हुआ, यह बोलना चाहता था

सन 1984 के सिख दंगों को लेकर कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के बयान पर बवाल मचने के बाद सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। आगे सैम पित्रोदा ने कहा

09:06 PM May 10, 2019 IST | Desk Team

सन 1984 के सिख दंगों को लेकर कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के बयान पर बवाल मचने के बाद सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। आगे सैम पित्रोदा ने कहा

सैम पित्रोदा ने मांगी माफी   कहा   जो हुआ  बुरा हुआ  यह बोलना चाहता था

सन 1984 के सिख दंगों को लेकर कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के बयान पर बवाल मचने के बाद सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। आगे सैम पित्रोदा ने कहा है कि उनकी हिंदी खराब है। उन्होंने सफाई दी है कि वे जो हुआ वह बुरा हुआ कहना चाहते थे। बुरा हुआ का वे दिमाग में अनुवाद नहीं कर पाए। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया।

पित्रोदा ने कहा कि मेरा कहने का मतलब था कि मूव ऑन (आगे बढ़ते हैं)। हमारे पास चर्चा करने के लिए बहुत कुछ है, जैसे कि बीजेपी ने पिछले पांच साल में क्या किया और किया दिया। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है।

वही, इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने भी इस संबंध में बयान जारी कर पूरे मामले पर सफाई दी थी। कांग्रेस ने कहा कि हमारे समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और इसके नेतृत्व ने हमेशा 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित किया है। कांग्रेस ने कहा कि इस संबंध में सैम पित्रोदा की तरफ से आया बयान कांग्रेस पार्टी की राय नहीं है।

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वहीं पंजाब CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पित्रोदा के बयान पर कहा, मैं सैम पित्रोदा के बयान से बिल्कुल भी इत्तेफाक नहीं रखता हूं मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं इसे स्वीकार नहीं करता। 1984 दंगा पीड़ितों को अब तक इंसाफ नहीं मिल सका है और अगर ये कहा जाए कि अब जो हुआ सो हुआ उसे भूल जाओ तो ये कहना उन दंगा पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा होगा। कल को आप गोधरा पीड़ितों के लिए भी यही कहेंगे।

यह सरकार की जिम्मेदारी है कि पता लगाए कि आखिर यह हुआ कैसे? कौन लोग इसके जिम्मेदार थे? यह पता लगाया जाना चाहिए। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने साल बीत गए हैं। ’’

बता दे कि सैम पित्रोदा के बयान को लेकर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पित्रोदा की टिप्पणियां हैरान करने वाली हैं और किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी। जावड़ेकर ने कहा कि उन्होंने (पित्रोदा) कहा कि 1984 में नरसंहार हुआ। तो क्या? देश को यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।

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