14 या 15 दिसंबर कब है सफला एकादशी? जानें इसका शुभ मुहूर्त और महत्व
Saphala Ekadashi Kab Hai 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत साल में एक बार रखा जाता है। यह व्रत पौष महीने के कृष्ण पक्ष के दिन होता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत उत्तम और पुण्यकारी माना जाता है। इस एकादशी का व्रत करने से बेहद पुण्य फल प्राप्त होता है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता है, साथ ही पवित्र नदी में स्नान भी किया जाता है। सफला एकादशी पर व्रत और विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं, सफला एकादशी की तिथि और इसका महत्व।
Saphala Ekadashi Kab Hai 2025: सफला एकादशी 2025 कब है?
कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 14 दिसंबर, रविवार के दिन शाम 6 बजकर 50 मिनट पर होगा। वहीं, अगले दिन 15 दिसंबर को रात 9 बजकर 21 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। ऐसे में उदय तिथि के नियमानुसार सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर, सोमवार को रखा जाएगा। इस दिन सुबह और शाम को विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से जीवन ने सुख-समृद्धि आती है।
Saphala Ekadashi Significance: सफला एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि साल की इस एकादशी का व्रत करने से जीवन में हर काम सफल होते हैं और उनके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आती है। सफला एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही, इससे जातक को मोक्ष मिल सकता है। धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार सभी व्रतों में एकादशी के व्रत को सबसे उत्तम और पुण्यकारी माना गया है। कहा जाता है कि पांच हजार वर्ष तक तप करने के समान फल सफला एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है। साथ ही, व्रती को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।
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