गढ़चिरौली में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, भारी मात्रा में पुराने विस्फोटक बरामद
महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली में सुरक्षाबलों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। माओवादियों द्वारा पुलिस बल पर घात लगाकर हमला करने की योजना को विफल करते हुए, घने जंगलों में छिपाए गए पुराने विस्फोटक और घातक सामग्री जब्त कर ली गई। पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के मार्गदर्शन में की गई इस कार्रवाई की शुरुआत विश्वसनीय गुप्त सूचना से हुई। सूचना के अनुसार, पोस्ते-कोरची की सीमा पर मौजा लेकुरबोडी के जंगल क्षेत्र में माओवादियों ने पिछले वर्ष से ही विस्फोटक छिपा रखे थे। इनका उपयोग वे सुरक्षाबलों पर हमले के लिए करने वाले थे। गढ़चिरौली, जो छत्तीसगढ़ सीमा से सटा हुआ है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहां की दुर्गम भौगोलिक स्थिति माओवादियों को छिपने का सुरक्षित स्थान प्रदान करती है।
भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद
15 सितंबर को विशेष योजना के तहत तीन विशेष अभियान दलों और बॉम्ब डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) की एक टीम को क्षेत्र में रवाना किया गया। 16 सितंबर को तलाशी अभियान के दौरान पुलिस टीम को एक संदिग्ध स्थान पर विस्फोटक सामग्री छिपी हुई मिली। बीडीडीएस की जांच में बरामद हुई सामग्रियों में 1 नग 5 लीटर स्टील का केन, 1.25 किलोग्राम सफेद विस्फोटक पाउडर, 2.50 किलोग्राम नुकीला लोहे का सिलेंडर, 4 नग क्लेमोर और 8 नग बिजली के तार के बंडल शामिल हैं।
माओवादियों की घातक साजिश नाकाम
सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए, पुलिस ने मौके पर ही सभी विस्फोटकों को सुरक्षित रूप से जब्त कर लिया। क्लेमोर जैसे घातक हथियारों का उपयोग माओवादी अक्सर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने के लिए करते हैं, जो सुरक्षाबलों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं। गढ़चिरौली पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया। एसपी नीलोत्पल ने कहा, नक्सलियों की साजिशों को चकमा देने के लिए हमारी टीमें सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे सतर्क रहती हैं। यह सफलता पूरे जिले की सुरक्षा को मजबूत करती है। हाल ही में गढ़चिरौली में कई मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जहां चार माओवादी ढेर हो चुके हैं।