शहीद मनप्रीत सिंह का सैनय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, सजल नेत्रों से दी अंतिम विदाई
देश की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित ऊंची बर्फीली पहाडिय़ों पर शहीद हुए लोंगोवाल के नौजवान मनप्रीत सिंह (21) वर्षीय का आज यहां के जैद-पॅती स्थित शमशान घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ परिवारिक सदस्यों और गांववासियों की मोजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
02:43 PM Nov 27, 2019 IST | Shera Rajput
Advertisement
लुधियाना-लोंगोवाल : देश की सुरक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित ऊंची बर्फीली पहाडिय़ों पर शहीद हुए लोंगोवाल के नौजवान मनप्रीत सिंह (21) वर्षीय का आज यहां के जैद-पॅती स्थित शमशान घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ परिवारिक सदस्यों और गांववासियों की मोजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उपस्थित लोगों ने सजल नेत्रों से शहीद को अंतिम विदाई दी।
Advertisement
Advertisement
भारतीय सेना के 18 सिख रेजीमेंट के अधिकारियों द्वारा शहीद मनप्रीत सिंह की तिरंगे ध्वज में लिपटी मृतक देह जब लोंगोवाल स्थित शहीद के गांव में लाई गई तो पूरा वातावरण गमगीन हो उठा। सामाजिक, सियासी, धार्मिक और प्रशासनिक हस्तियों के अतिरिक्त हजारों की संख्या में आसपास के इलाकों से लोग शहीद मनप्रीत सिंह को भावपूर्ण अंतिम विदाई देने पहुंचे हुए थे। इससे पहले जब सेना की बख्तरबंद गाड़ी में शहीद की मृत देह को शमशान घाट ले जाया जा रहा था तो शहीद मनप्रीत सिंह अमर रहे के गगनचुंबी नारों के साथ समस्त वातावरण गूंज उठा।
Advertisement
भारत माता की सेवा के लिए कुछ वक्त पहले ही सेना में भर्ती हुए पंजाब के कस्बा लोंगोवाल के 23 वर्षीय नौजवान मनप्रीत सिंह ने जम्मू-कश्मीर के ऊंचे इलाके में डयूटी निभाते हुए शहादत का जाम पिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मनप्रीत सिंह की मृत्यु जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके में बेहद ऊंची बर्फ की चोटियों की रक्षा के दौरान बर्फ का बड़ा तोंदा (गोला ) गिरने से हुई है। मनप्रीत सिंह मार्च 2018 में देशसेवा के इरादे से सेना में भर्ती हुआ था और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई थी। उसके दादा प्यारा सिंह ने विलाप करते हुए बताया कि मनप्रीत सिंह, छोटे भाई-बहन से बड़ा था और उसके सेना में भर्ती होने से परिवार सुख की रोटी खाने लगा था। अंतिम विदाई के वक्त उसकी मां छोटे भाई और बहन का विलाप दर्दनाक था और हर शख्स की आंखें नम थी।
आज जब उसके शहीद होने की सूचना जैसे ही लोंगोवाल स्थित उसके रिहायशी स्थल पर पहुंची तो समस्त इलाके में शोक फैल गया। दर्जनों गांवों के लोग और समाजसेवी जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि व रिश्तेदार उसके घर में संवेदनाएं प्रकट करने हेतु आ रहे है।
– सुनीलराय कामरेड

Join Channel