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शहीदी- जोड़ मेले के नगर कीर्तन के दौरान सिख युवकों ने लगाएं खालिस्तानी समर्थक नारें, चिपकाएं भिंडरावाले के फोटो

लेके रहेंगे खालिस्तान, साडा हक खालिस्तान’ के बुलंद नारों की लाउड स्पीकर पर गूंजती आवाज के बीच आज श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी की लासानी शहादत को समर्पित जोड़ मेले के आखिरी दिन समाप्ति के दौरान जहां देश-विदेश की लाखों की गिनती में संगत गुरूद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में नतमस्तक होने पहुंची।

03:36 PM Dec 28, 2019 IST | Shera Rajput

लेके रहेंगे खालिस्तान, साडा हक खालिस्तान’ के बुलंद नारों की लाउड स्पीकर पर गूंजती आवाज के बीच आज श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी की लासानी शहादत को समर्पित जोड़ मेले के आखिरी दिन समाप्ति के दौरान जहां देश-विदेश की लाखों की गिनती में संगत गुरूद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में नतमस्तक होने पहुंची।

शहीदी  जोड़ मेले के नगर कीर्तन के दौरान सिख युवकों ने लगाएं खालिस्तानी समर्थक नारें  चिपकाएं भिंडरावाले के फोटो
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लुधियाना-फतेहगढ़ साहिब : ‘लेके रहेंगे खालिस्तान, साडा हक खालिस्तान’ के बुलंद नारों की लाउड स्पीकर पर गूंजती आवाज के बीच आज श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी की लासानी शहादत को समर्पित जोड़ मेले के आखिरी दिन समाप्ति के दौरान जहां देश-विदेश की लाखों की गिनती में संगत गुरूद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में नतमस्तक होने पहुंची।
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इसी अवसर पर सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि कमेटी द्वारा सजाएं गए नगर कीर्तन में शिरोमणि अकाली दल अमृतसर केे  सिख कार्यकर्ताओं ने नगर कीर्तन के दौरान खालिस्तान के झंडियों के साथ शमूलियत की। 5 प्यारों की अध्यक्षता में पालकी साहब में सुशोभित  श्री गुरू ग्रंथ साहिब विराजमान थे और आगे चल रहे कुछ सिख युवक ‘खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे’ जिनका साथ नगर कीर्तन में शामिल हुई और दाएं-बाएं कतारों में खड़ी संगत ने भी बखूबी से दिया।
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खालिस्तानी हुजूम की रहनुमाई कर रहे सिख युवक से हिंदुस्तान में खालिस्तान की मांग पर सवाल किया तो उसने तर्क संगत जवाब दागते हुए स्पष्ट कहा कि मुसलमानों के पास पड़ोसी मुलक पाकिस्तान के अलावा कई अन्य देश है, कामरेडों के पास चाइना और हिंदुओं के पास हिंदुस्तान है जबकि सिखों के पास अपना कोई गृह स्थल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा सिख कौम गुलामी का दंश झेल रही है और इसे कही इंसाफ नहीं मिलता। इसलिए खालिस्तान की मांग करते है। हुजूम के आगुओं ने यह भी कहा कि साहिबजादों की याद को समर्पित इकटठ में हम अपने अधिकारों की बात करने आएं है। लोग जागरूक हो कि खालिस्तान की मांग करना कोई गुनाह नहीं। उन्होंने रेफरेंडम 2020 के जवाब पर स्पष्ट किया कि भारत के अधिकांश सिख उसके समर्थन में ना हां करते है और ना ही ना करते है।
उन्होंने कहा कि उनके लीडर पूर्व सांसद स. सिमरनजीत सिंह मान भी रेफरेंडम 2020 के बारे में कुछ अधिक नहीं जानते और ना ही उन लोगों ने उनसे कोई बातचीत की है। हम तो अपने अधिकारों की मांग करते है। इस दौरान संत जरनैल सिंह भिंडरावाले के फोटो भी बैनरों पर चिपके दिखाई दिए। जबकि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी या खाकी वर्दीधारी पुलिस ने उन्हें नहीं रोका। यह उक्त नारें नगर कीर्तन की समाप्ति तक जारी रहें।
– सुनीलराय कामरेड
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