कल से शुरु होने जा रहे हैं शारदीय नवरात्रि, यहाँ जानें कलश स्थापना से लेकर शुभ मुहूर्त
कल यानि 29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का शुआरंभ हो रहा है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है।
07:11 AM Sep 28, 2019 IST | Desk Team
कल यानि 29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का शुआरंभ हो रहा है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है। रवि योग शुरू होने की वजह से यह बहुत शुभ है वहीं इस साल बेहद शुभ आठ संयोग बन रहे हैं। इस नवरात्रि में श्रद्घा पूर्वक देवी की प्रर्थना कर आप माता रानी का आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए आज हम आपके नवरात्रि में कलश स्थापना के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं।
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शारदीय नवरात्रि रवि योग से हो रहा है शुरू
इस बार शारदीय नवरात्रि रविवार से शुरू होने की वजह से बहुत शुभ माने जा रहे हैं। रवि योग से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्रि इसलिए भी शुभ हैं क्योंकि ये उन्नति का परिचायक होता है। इस नवरात्रि दुर्गा मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं जो अच्छी वर्षा और समृद्घि कृषि का संकेत देता है।
कलश स्थापना का शुभ संयोग
इस शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना का संयोग काफी ज्यादा शुभ है। कलश स्थापना के वक्त शुक्र ग्रह का उदय हो रहा है जो समृद्घि का कारक है। इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करके देवी की पूजा करने से भक्तों की आर्थिक समस्याएं दूर होती है। इसके साथ ही नवरात्रि में कलश स्थापना च्रक सुदर्शन मुहूर्त में करना शुभ माना गया है।
लेकिन यदि आप अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाएं तो अनुकूल लाभ,शुभ तथै अमृत चौघडिया भी शुभ मानी गई है। यदि आप इन सारे मुहूर्तों में भी घट नहीं बैठा पाए तो सोम,बुध,गुरू और शुक्र में से किसी की भी दिन होरा में कलश स्थापित कर लें।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के वैसे तो नौ दिन बहुत शुभ होते हैं,लेकिन नौ दिनों में देवी मां की पूजा करने के लिए कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में करना सबसे अच्छा माना जाता है। इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक का है।
इसके साथ ही यदि आप किसी कारण वश सुबह के वक्त कलश स्थापित नहीं कर पाएं हैं तो दिन के समय 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक आप कलश स्थापना कर सकते हैं। बता दें कि दोपहर का यह मुहूर्त भी अत्यंत शुभ है।
कलश स्थापित करने के लिए सभी लोगों को हमेशा नदी की रेत का इस्तेमाल करना चाहिए। इस रेत में सबसे पहले जौ डाल लें। उसके बाद कलश में इलायची,गंगाजल,पान,लौंग,रोली,सुपारी,कलावा,हल्दी,चंदन,रुपया,अक्षत,फूल आदि डाल लें। इसके बाद आप ॐ भूम्यै नमः का जाप करते हुए कलश को सात तरह के अनाज के साथ रेत के ऊपर रख दें और मंदिर में जहां पर कलश स्थापित किया हैं वहां नौ दिनों तक अखंड दीपक जलाएं।
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