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शिवसेना मामला : किसी के हिस्से नहीं आया शिवसेना का नाम और ‘तीन-कमान’ , EC के फैसले को ठाकरे गुट ने बताया ‘अन्याय’

भारत निर्वाचन आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी है।

01:36 AM Oct 09, 2022 IST | Shera Rajput

भारत निर्वाचन आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी है।

भारत निर्वाचन आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी है।
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पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी करके निर्वाचन आयोग ने दोनों से कहा है कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नये नाम और चुनाव चिन्ह सुझाएं।
आयोग दोनों गुटों द्वारा सुझाए गए नामों और चुनाव चिन्हों में से उन्हें किसी एक का उपयोग करने की अनुमति देगा।
अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव नजदीक आने की स्थिति में शिंदे गुट द्वारा अनुरोध किए जाने पर आयोग ने अंतरिम आदेश जारी किया है।
अंतरिम आदेश के अनुसार, ‘‘आयोग का कर्तव्य है कि वह सुनिश्चित करे कि उपचुनाव कह पूरी चुनावी प्रक्रिया किसी भी भ्रम से मुक्त हो, इसलिए अगला कदम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि चुनाव में हिस्सा ले रहे किसी भी गुट को अनुचित लाभ/हानि ना हो।’’
शिवसेना में जून में दो फाड़ होने के बाद दोनों गुटों ने स्वयं के ‘असली शिवसेना’ होने का दावा करते हुए निर्वाचन आयोग में पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित करने का अनुरोध किया था।
इससे पहले आयोग ने दोनों गुटों से कहा था कि वे अपने-अपने दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक सभी दस्तावेज और विधायी तथा संगठन के समर्थन का साक्ष्य जमा कराएं।
हालांकि, बाद में ठाकरे गुट के अनुरोध पर इस अवधि को बढ़ाकर सात अक्टूबर कर दिया गया था।
शिंदे गुट ने चार अक्टूबर को निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में उसे ‘शिवसेना के नाम और तीर-कमान के चुनाव चिन्ह’ का उपयोग करने की अनुमति दी जाए।
ठाकरे गुट ने इस दावे पर अपना जवाब शनिवार को सौंपा और विरोधी गुट के दस्तावेजों और दावों का अध्ययन करने के लिए और चार सप्ताह का समय मांगा है।
आयोग ने कहा कि अंतरिम आदेश इसलिए आवश्यक है क्योंकि उपचुनाव तीन अक्टूबर को अधिसूचित किया जा चुका है।
आदेश में कहा गया है, ‘‘दोनों गुटों में से किसी को भी ‘शिवसेना’ के लिए आरक्षित चुनाव चिन्ह ‘तीर कमान’ का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।’’
उसमें कहा गया है, ‘‘दोनों गुट उन नये नामों से जाने जाएंगे, जिनका वे चुनाव करेंगे।’’
वहीं, निर्वाचन आयोग के इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा और ट्वीट किया कि ‘‘खोखेवाले गद्दारों ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कराने की यह शर्मनाक हरकत की है।’’
शिवसेना और तीर-कमान पर निर्वाचन आयोग के फैसले को ठाकरे गुट ने बताया ‘अन्याय’ 
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के गुट ने निर्वाचन आयोग द्वारा दोनों गुटों पर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह ‘तीर-कमान’ के उपयोग पर पाबंदी लगाए जाने को ‘अन्याय’ बताया है।
गौरतलब है कि जून में शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत, दो गुट खुद को असली शिवसेना बताते हुए ‘पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह’ के उपयोग की अनुमति मांग रहे हैं।
हालांकि, अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले शनिवार को एक अंतरिम आदेश में निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस चुनावों में दोनों गुटों को ‘शिवसेना के नाम और तीर-कमान’ के उपयोग की अनुमति नहीं है।
ठाकरे के वफादार महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के स्थान पर समेकित फैसला लेना चाहिए था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अन्याय है।’’
शिवसेना के नेता व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘खोखेवाले गद्दारों के शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम सच के साथ हैं। सत्यमेव जयते!’’
आदित्य ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हरिबंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ भी पोस्ट की है।
वहीं, शिंदे गुट के नेता व सासंद प्रतापराव जाधव ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सही फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया है।
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