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शोपियां प्रशासन ने कहा : नहीं हुआ पलायन, पंडितों ने लिया कभी न लौटने का संकल्प

दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अधिकारियों ने कश्मीर पंडितों के पलायन की बात को सिरे से खारिज कर दिया। जम्मू में डेरा डाले इस अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने घाटी में लौटने से इनकार किया है।

05:42 AM Oct 27, 2022 IST | Shera Rajput

दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अधिकारियों ने कश्मीर पंडितों के पलायन की बात को सिरे से खारिज कर दिया। जम्मू में डेरा डाले इस अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने घाटी में लौटने से इनकार किया है।

दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अधिकारियों ने कश्मीर पंडितों के पलायन की बात को सिरे से खारिज कर दिया। जम्मू में डेरा डाले इस अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने घाटी में लौटने से इनकार किया है।
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शोपियां के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक सत्यापित ट्विटर एकाउंट में दावा किया गया कि ‘‘कश्मीरी अप्रवासी हिंदू आबादी’’ के पलायन की खबरें ‘‘निराधार’’ हैं।
अश्वनी कुमार भट ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि वह पलायन कर चुके हैं और घाटी में कभी नहीं लौटेंगे।
अश्वनी कुमार भट के भाई पूरन कृष्ण भट की 16 अक्टूबर को आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।
अधिकारियों ने ट्विटर पर दावा किया कि ‘‘प्रशासन द्वारा गांव में उचित और कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। यहां तक कि कश्मीरी अप्रवासी हिंदू बस्तियों और गांवों के अन्य इलाकों में भी इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’’
अश्वनी कुमार भट ने कहा, ‘‘हम वहां (श्रीनगर) से चले गए हैं। मैं कभी नहीं लौटूंगा। मैं अपने बच्चों की कसम खाता हूं, मैं अपने जीवन की आखिरी सांस तक नहीं लौटूंगा’’।
अपने बच्चों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि न तो वह कश्मीर लौटेंगे और न ही अपने बच्चों को वहां जाने देंगे।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा हाल ही में कई लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के बाद, 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के कारण शोपियां जिले में स्थित अपना गांव छोड़कर मंगलवार को जम्मू पहुंच गए हैं।
हाल ही में मौत की धमकी का सामना करने वाले चौधरीगुंड गांव के एक व्यक्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘35 से 40 कश्मीरी पंडितों वाले दस परिवार डर के कारण हमारे गांव से बाहर चले गए हैं।’’
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