शुुभमन गिलः भारतीय क्रिकेट का नया दौर
भारतीय क्रिकेट इन दिनों परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। दिग्गज खिलाड़ियों विराट कोहली
भारतीय क्रिकेट इन दिनों परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। दिग्गज खिलाड़ियों विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद टीम में एक खालीपन आ गया है जिसे पूरा करना आसान नहीं होगा। भारतीय टैस्ट टीम के नए युग की शुरूआत अगले महीने से होगी जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर होगी। 20 जून को लीड्स के हेडिंग्ले में होने वाले इस मुकाबले में भारत की टीम के कप्तान शुभम गिल होंगे, जो पहली बार रेड बाल क्रिकेट में भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे। शुभम गिल भारत के 37वें और 5वें सबसे युवा कप्तान होंगे। इसके अलावा पंजाब के तीसरे क्रिकेटर जो अमरनाथ और बिशन सिंह बेदी के बाद कप्तान बने हैं। विराट जैसे खिलाड़ी के स्थान को भरने के लिये टीम इंडिया को नया सुपरस्टार खोजना होगा। अब भारतीय थिंक टैंक और प्रबंधन के सामने सवाल होगा कि इन स्टार खिलाड़ियों के स्थान पर किसे जगह दी जाये जो इनकी कमी न खल पाये। टीम इंडिया में विराट और रोहित की जगह साई सुदर्शन और करुण नायर को जगह मिली है। भारतीय क्रिकेट में काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का समूह है और इन स्टार खिलाड़ियों की जगह भरने में एक-दो साल का समय लग सकता है। टीम में जगह बनाने वाले खिलाड़ियों के पास एक ऐसा अवसर है जो किसी के पास जीवन में एक बार ही मिल पाता है। ऐसे मौके को कोई भी गंवाना नहीं चाहेगा और अच्छा प्रदर्शन करके टीम में अपनी जगह को मजबूत करने की कोशिश करेगा।
भारतीय टीम के पास इस समय नया कप्तान होगा जिसके सामने इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी। किसी भी उपमहाद्वीपीय टीम के लिये इंग्लैंड में टेस्ट जीतना आसान नहीं होता। भारतीय टीम प्रबंधन के लिये अनुभवी खिलाड़ियों का विकल्प ढूंढना भी एक चुनौती थी, ऐसे में संयोजन का ख्याल रखते हुए बीसीसीआई ने इंडियन टीम का चुनाव किया है। अब ऑस्ट्रेलिया दौरे की तुलना में आगामी इंग्लैंड सीरीज में भारतीय टीम काफी बदली-बदली नजर आएगी। ये बदलाव चार महीने में ही हो गया है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा रहे 7 खिलाड़ी इस टूर पर नहीं जाएंगे। इसमें विराट कोहली और रोहित शर्मा के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी। रोहित और विराट दोनों ही अनुभवी खिलाड़ी थे और उनकी मौजूदगी टीम को स्थिर करती थी। उनके जाने के बाद टीम को अब युवा खिलाड़ियों पर निर्भर रहना होगा। टीम को नए खिलाड़ियों के साथ नई रणनीति बनाने की जरूरत होगी जो टीम को बेहतर तरीके से खेलने में मदद कर सकती है।
इंग्लिश परिस्थितियों में इनिंग्स की शुरूआत में बल्लेबाजों की अग्निपरीक्षा होती है क्योंकि गेंद काफी मूव करती है। सलामी बल्लेबाजों के तौर पर टीम में यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन, केएल राहुल के अलावा अभिमन्यु ईश्वरन को टीम में जगह मिली है। राहुल का अनुभव टीम के काफी काम आएगा, वहीं साई सुदर्शन और यशस्वी फ्यूचर स्टार माने जा रहे हैं। यशस्वी तो टेस्ट में खुद को साबित भी कर चुके हैं। वहीं ईश्वरन भी घरेलू क्रिकेट खेलकर परिपक्व हो चुके हैं और उन्हें अपने टेस्ट डेब्यू का इंतजार है। मिडिल आर्डर बल्लेबाज करुण नायर की भी टीम में वापसी हुई है, जिन्होंने दिसंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली टेस्ट में तिहरा शतक (303*) जड़ा था। वीरेंद्र सहवाग के अलावा नायर देश के दूसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने तिहरा शतक जमाया है। करुण को वापसी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और वो 8 साल बाद टीम में लौटे हैं। तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह की एंट्री हुई है। अर्शदीप पहली बार टेस्ट टीम में चुने गए हैं। अर्शदीप के आने से भारतीय पेस अटैक में विविधता देखने को मिलेगी क्योंकि वो एक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज आकाश दीप पर भी टीम मैनेजमेंट का भरोसा कायम हैं।
भारतीय टीम को अपने सितारा क्रिकेटरों के बैगर मैदान में उतरना होगा जो कोच गौतम गंभीर के लिये भी परीक्षा होगी, जो कहते आये हैं कि टीम को सुपरस्टार कल्चर से दूर रखना होगा और प्रदर्शन पर ध्यान लगाना होगा। गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद भारत ने घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज 0-3 से गंवा दी थी और आस्ट्रेलिया से भी टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भारतीय टीम प्रबंधन में सहायक कोच अभिषेक नायर को अपनी जगह गंवानी पड़ी जिन्हें गौतम गंभीर का सबसे प्रिय माना जाता था। क्षेत्ररक्षण कोच को भी अपनी जगह खाली करनी पड़ी थी। इंग्लैंड दौरे में कम अनुभवी भारतीय टीम को परेशानी का सामना करना पडे़गा, इतना तय है। ऐसे समय में कोच को टीम के मनोबल को बनाये रखने के लिये काफी प्रयास करने होंगे।
कोच गौतम गंंभीर और सहायक स्टाफ के सामने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में खिलाड़ियों की मानसिकता को सकारात्मक बनाये रखने की चुनौती भी होगी क्योंकि टीम के पास ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी मौजूद नहीं हैं। कप्तान शुभमन गिल को काफी शांतचित खिलाड़ी माना जाता है और कप्तान के तौर पर अपना प्रभाव आईपीएल में दिखा चुके हैं। अब जबकि उनके पास भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी है तो उन्हें दोहरी जिम्मेदारी संभालनी होगी। टीम को प्रदर्शन से प्रेरित करना होगा और दबाव भरी परिस्थितियों में अच्छी बल्लेबाजी करनी होगी। आगामी दिनों में इंग्लैंड दौरे से तय हो जाएगा कि भारतीय क्रिकेट किस दिशा में जाएगा। भारतीय प्रशंसकों को टीम इंडिया से अच्छे प्रदर्शन की आस रहेगी।