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प. बंगाल में सिख को बालों से घसीटने की घटना पर सिरसा नाराज, ममता से कार्रवाई की मांग की

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोलकाता में एक सिख की दस्तार उतार कर बालों से घसीटे जाने की घटना का गंभीर नोटिस लिया है और उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कहा है कि इस घटना के पीछे जिम्मेवार पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत कार्रवाई की जाये।

02:31 AM Oct 10, 2020 IST | Shera Rajput

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोलकाता में एक सिख की दस्तार उतार कर बालों से घसीटे जाने की घटना का गंभीर नोटिस लिया है और उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कहा है कि इस घटना के पीछे जिम्मेवार पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत कार्रवाई की जाये।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोलकाता में एक सिख की दस्तार उतार कर बालों से घसीटे जाने की घटना का गंभीर नोटिस लिया है और उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कहा है कि इस घटना के पीछे जिम्मेवार पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत कार्रवाई की जाये। 
यहां जारी किए एक बयान में सिरसा ने कहा कि गुरुवार को कोलकाता में जहां सिख बलविंदर सिंह से पश्चिम बंगाल की पुलिस ने मार पीट की, उनकी पगड़ी उतारी, बालों से खींच कर अपमानित किया, यह बहुत ही शर्मनाक व दुखदायी घटना है। 
उन्होंने कहा कि इस घटना ने पूरी दुनिया के सिखों के हृदयों को चोट पहुँचाई है। वीडियो देख कर हमें बहुत ही गहरी चोट पहुंची । 
सिरसा ने ममता बनर्जी को याद दिलाया कि यह वही दस्तार है जो गुरु गोबिंद सिंह जी ने चार पुत्र कुर्बान कर हमें दी, यह वही दस्तार है जिसे पहन कर भगत सिंह ने भारत की आजादी के लिए फांसी का फंदा चूमा और यह वही दस्तार है जिसे पहनकर जगजीत सिंह अरोड़ा ने 90 हजार पाकिस्तानी फौजियों का सरेंडर करवाया। 
उन्होंने ममता से कहा कि आपकी पुलिस इस दस्तार की इस तरह बेअदबी करे, यह हमें बर्दाशत नहीं है। उन्होंने मांग की कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तुरंत धारा 295ए के तहत केस दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये और बलविंदर सिंह को तुरंत जेल से रिहा किया जाये। 
उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी ने यह कार्रवाई नहीं की तो फिर सिख इस मसले पर संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे। 
सिरसा ने यह भी बताया कि हैरानी वाली बात है कि सिखों को न्याय तो क्या देना था बल्कि उसे तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है जो कि और भी शर्मनाक कार्य है। 
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