स्कूल में आठवीं Class की छात्रा की Heart Attack से हुई मौत, बच्चों में क्यों बढ़ रहे इसके मामले, जानें कारण और लक्ष्ण
हाल ही में स्कूल में पढ़ने वाली एक छोटे बच्चे से जुड़ी खबर आई है, जिसमें बच्चे की तबीयत बिगड़ जाने को लेकर बात कही जा रही है, टीचर ने इस बात की सूचना तुरंत प्रिंसिपल को दी। जिसके बाद बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। आगे जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्यों ज्यादतर बच्चे इसके चपेट में आ रहे हैं?
हालांकि ये पहली बार नहीं है, ऐसे कई लोगों ने हार्ट अटैक के कारण अपनी जान गवां दी है। लेकिन आज के समय में हार्ट अटैक के केसिस इतने तेजी से बढ़ रहे हैं कि इसपर विश्वास करना भी मुश्किल हो गया है। खासकर कम उम्र के लोगों में ये बीमारी ज्यादा देखने को मिल रही है। आए दिन छोटे बच्चों में हार्ट अटैक से मौत के मामलों में तेजी से उछाल आया है। वहीं एक मामला गुजरात के सूरत से आया है। जहां गुरुवार 28 सितंबर को एक छात्रा क्लास रूम में बेहोश हो गई। जिसके बाद टीचर ने तुरंत प्रिंसिपल को सूचित किया और बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि छात्रा की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है।
बता दें कि ये एक गंभीर विषय है, कि इतनी छोटी सी उम्र में बच्चे को दिल का दौरा से मौत होना चिंता का विषय बन गया है। हाल के महीनों में नया मामला युवाओं की अचानक हुई मौतों के बढ़ते रहस्य को और बढ़ा देता है। ऐसा ही एक मामला जुलाई में राजकोट के एक स्कूल में 17 साल एक छात्र क्लास में गिर गया और हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई।
बच्चों में बढ़ रहे हार्ट अटैक के कारण हैं- हार्ट डिफेक्ट होना है, हार्ट मसल्स का बढ़ना या कभी-कभी कुछ मेडिकल डिसऑर्डर की वजह से भी बच्चे के हार्ट को नुकसान पहुंच सकता है। इसके कुछ लक्ष्ण भी हैं जैसे- सांस लेने में तकलीफ, थकान, कमजोरी महसूस होना, शरीर के किसी भी हिस्से का रंग बदलना, दिल की धड़कन तेज होना, चक्कर आना और छाती में दर्द होना।