लड़कियों के साथ नाचती थी परियां, Magazine में भी छपी थी फोटो, जानें हैरतअंगेज कहानी
परियों की कहानी आपने भी सुनी होगी लेकिन क्या आपने कभी हकीकत की परी देखी है? आप शायद कहेंगे की परियों का तो अस्तित्व ही नहीं होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पुराने जमाने में लोगों ने परियों को फोटो में देखा था। जहां परियां बच्चों के साथ थी। एक सदी पहले ये फोटो सामने आने के बाद लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई थी।
हम सब जानते है कि, शर्लक होम्स (Sherlock Holmes) अंग्रेजी साहित्य का एक सर्वकालिक क्लासिक नमूना है और लेखक सर आर्थर कॉनन डॉयल (Sir Arthur Conan Doyle) हमारे सबसे फेमस लेखकों में से एक हैं। लेकिन वो भी उन तस्वीरों को देखकर धोखा खा गए थे। दरअसल, यह 1917 की गर्मियों की बात है जब 9 साल की फ्रांसिस ग्रिफिथ्स ब्रैडफोर्ड के पास कोटिंग्ले स्थित उस घर में वापस पहुंची, जहां वह अपनी चचेरी बहन एल्सी राइट और उनके परिवारों के साथ रहती थी। एक दिन फ्रांसिस की मां ने उससे पूछा कि वह बगीचे के आखिर में धारा से अपने जूते इतने गीले कैसे कर लाई, तो इस पर उसने अपनी मां को बताया कि 'वे परियों को देखने जाती है'।
वहीं, 16 साल की एल्सी ने फैसला किया कि वह अपनी चचेरी बहन को सपोर्ट करेगी। जिसके बाद उसने अपने पिता से कैमरा उधार लिया ताकि उन्हें परियों का सबूत मिल सकें। वहीं जब वे दोनों बगीचे से वापस आए तो एल्सी के पिता ने उन फोटो से चित्र बनाया जिसे देखकर सभी हैरान हो गए क्योंकि वे दोनों वाकई में परियों से घिरे हुए थे।
परियों से घिरी दिखी लड़कियां
दरअसल, फोटो में फ्रांसिस चार परियों से घिरी हुई थी। वहीं कुछ हफ्ते बाद, दोनों ने और तस्वीरें ली। इस बार नाचते हुए गनोम के साथ एल्सी थी। बड़ों को भी ये तस्वीरें असली लगी। जिसके चलते कुछ साल बाद एल्सी की मां ब्रैडफोर्ड में थियोसोफिकल सोसायटी में तस्वीरें ले गईं, जहां उन्हें सोसायटी के प्रेसिडेंट एडवर्ड गार्डनर के ध्यान में लाया गया। उनके लेक्चर देने के बाद, वे कॉनन डॉयल के ध्यान में आये, जो परियों के बारे में एक लेख पर रिसर्च कर रहे थे।
पत्रिका में पब्लिश हुई परियां
बता दें, ऐसा माना जाता है कि शर्लक होम्स के लेखक ने शुरू में माना था कि ये एक धोखा है लेकिन वह अध्यात्मवाद में थे और उन्होंने कई विशेषज्ञों से उन पर नज़र डाली। जिसके बाद साल 1920 के आखिर में द स्ट्रैंड पत्रिका में इन तस्वीरों को पब्लिश कर दिया गया। लेख पब्लिश करते हुए उन्होंने लिखा "इसकी खोज करने के बाद, दुनिया को भौतिक तथ्यों द्वारा समर्थित उस आध्यात्मिक संदेश को स्वीकार करना इतना मुश्किल नहीं होगा, जिसे पहले ही उसके सामने इतने कठोर तरीके से रखा जा चुका है।"
लेख के पब्लिश होते ही ये कहानी जंगल की आग की तरह फैल गई और इसकी तस्वीरें दुनिया भर में देखी गईं। जिसके बाद कॉनन डॉयल ने फ्रांसिस और एल्सी के लिए दो नए कैमरे भी खरीदे, साथ ही उनसे कहा कि अगर हो सकें तो वे कुछ और तस्वीरें खींच लें।
मजाक निकली परियों की कहानी
लेकिन सब को बड़ा झटका तब लगा, जब 1983 में दोनों लड़कियों ने बताया कि ये एक मजाक था। दरअसल, उन्होंने एक किताब से नाचती हुई लड़कियों की तस्वीरें कॉपी कीं और उन पर पंख बनाए, कार्डबोर्ड शेप को काटने से पहले, उन्हें हैट पिन से सहारा दिया गया। जिसके बाद उन्होंने नाचती हुई परियों की तस्वीरें लीं। आखिर में उस समय एडिटिंग जैसा भी कुछ नहीं था इसलिए सभी को लड़कियों की बातों पर यकीन हो गया था। लेकिन जब तक ये सच सामने आया तब तक कॉनन डॉयल की साल 1930 में मृ्त्यु हो गई थी। जिसके बाद परियों का रहस्य उनके लिए एक राज ही रह गया।