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दुनिया के 5 सबसे खरतनाक तूफान जिसमे गई हजार नहीं-लाखों लोगों की जान..

03:46 PM Sep 14, 2023 IST
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दुनिया के पांच सबसे विनाशकारी तूफान
  • भोला चक्रवाती तूफान
  • हूगली रिवर साइक्लोन
  • हैपोंग टाइफून
  • कोरिंगा साइक्लोन
  • बैकरगंज साइक्लोन
उत्तरी अफ्रीकी के देश लीबिया में विनाशकारी तूफान ‘डेनियल’ के बाद आई बाढ़ से हर जगह तबाही का मंजर पसरा हुआ है। लीबिया का पूर्वी शहर डर्ना इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। बता दें, अकेले डर्ना में अब तक 5,300 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं रिपोर्ट के मुताबिक ये संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि बाढ़ में करीब 10 हजार लोग भी लापता हुए हैं। ये पहली बार नहीं है जब दुनिया में किसी तूफान से इतने लोगों की मौत हुई है। आज की खबर में हम आपको दुनिया के पांच ऐसे तूफान के बारें में बताने वाले है, जिसमें हजारों नहीं लाखों लोगों की जान चली गई थी। 
भोला चक्रवाती तूफान
इस तूफान के नाम पर जाना आपके लिए काफी भोलापन साबित हो सकता हैं, क्योंकि 1979 में बांग्लादेश में आए इस तूफान ने करीब पांच लाख लोगों की जान ली थी। 8 नवंबर 1970 को बंगाल की खाड़ी से उठकर चला ये तूफान 12 नवंबर को पूर्वी पाकिस्तान से टकराया था, जिससे काफी तबाही हुई थी। 
हूगली रिवर साइक्लोन
हूगली रिवर साइक्लोन ने भी काफी जान माल़ का नुकसान किया था। आंकड़ों के मुताबिक इस तूफान ने लगभग 3.5 लाख लोगों को मार डाला था। इस कारण हूगली रिवर साइक्लोन को इतिहास में सबसे खतरनाक तूफानों में से एक माना जाता है। 1737 में आया यह तूफान कलकत्ता का काल बन गया था क्योंकि तूफान ने कलकत्ता को बर्बाद कर दिया था।
हैपोंग टाइफून
27 सितंबर 1881 को वियतनाम में आया यह तूफान काफी खतरनाक था। इस खतरनाक साइक्लोन ने 8 अक्टूबर को सबसे खतरनाक रूप लेकर भारी नुकसान किया था। रिपोर्ट्स दावा करती हूं हैपोंग टाइफून से लगभग तीन लाख लोग मारे गए। 
कोरिंगा साइक्लोन
भारत के इतिहास में यह तूफान काफी ही खौफनाक पल लेकर आता हैं। 25 नवंबर 1839 को आंध्र प्रदेश के कोरिंगा में यह तूफान आया। इस तूफान के कारण समय समुद्र में 40 फीट की लहरें उठने लगी थीं। दावा किया जाता हैं कि इस साइक्लोन से लगभग 25 हजार जहाजों को नुकसान हुआ था। इसमें लगभग तीन लाख लोग मारे गए।
बैकरगंज साइक्लोन
29 अक्टूबर से 1 नवंबर 1876 को बैकरगंज साइक्लोन ने भारी तबाही मचाई और लाखों लोगों की जान ली थी। इस तूफान ने लगभग 2 लाख लोगों की जान ले ली थी। तूफान समाप्त होने के बाद लोग भूखमरी से मर गए।
इसके साथ ही हम आपको एक और जानकारी दे की अभी उत्तरप्रदेश में मूसलधार बारिश हो रही हैं। लेकिन 30 अप्रैल 1888 बारिश ने मुरादाबाद में 246 लोगों की जान ले ली थी। इस बारिश में काफी बड़े बड़े ओले गिरे थे, जिसमे करीब 1600 जानवरों की भी मौत हो गई थी।
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