India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

Hindi Diwas 2023: 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें क्या हैं मुंशी-आयंगर फॉर्मूला?

02:49 PM Sep 14, 2023 IST
Advertisement
Highlights 
  • क्यों मनाया जाता हैं हिंदी दिवस
  • क्या हैं मुंशी-आयंगर फॉर्मूला 
  • 14 सितंबर का दिन क्यों चुना गया
हर साल साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश भर में कई कार्यक्रम और बैठकें आदि होती हैं, जिसमे हिंदी को आगे बढ़ाने और इसके प्रचार प्रसार पर ध्यान दिया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 14 सितंबर को ही हर साल हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? हो सकता हैं आपमें से ज्यादातर लोगों को नहीं पता होगा। क्योंकि आज हिंदी की दशा और दिशा लगातार खराब होती जा रहीं हैं। खैर आप हमारी इस वीडियो को देखे आपको सभी जानकारी मिल जाएगी। 
क्या है मुंशी-आयंगर फॉर्मूला
सबसे पहले बात आती हैं कि 14 सितंबर को यानी की आज के दिन हिंदी दिवस इस कारण मनाया जाता हैं, क्योंकि आज ही के दिन एक समझौता हुआ था जिसका नाम मुंशी-आयंगर फॉर्मूला कहते हैं। आजादी के बाद हुए कहानी के समझते हैं। आपको पता हो भारतीय संविधान बनाने की तैयारी आजादी के बाद शुरू हुई थी। जिसमे बाबा साहब अंबेडकर की अध्यक्षता में कई कानून बनाए गए। इसी समय भाषा कानून बनाने के लिए भी एक कमेटी बनाई गई। जिसमे दो प्रमुख भाषाई विद्वानों को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। 
14 सितंबर का दिन क्यों चुना गया
पहले यक्ति थे कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी और दूसरे का नाम नरसिम्हा गोपालस्वामी आयंगर था। ये वो समय था जब हिंदी को लेकर लगभग तीन साल तक बहस चली, जिसमें कई जानकारों और विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए थे। लंबी बहस और तमाम लोगों की सलाह आदि के बाद फैसला किया गया और फिर तय हुआ कि मुंशी-आयंगर के फार्मूले पर सभी चीजों को माना जाएगा। लास्ट में 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा का दर्जा दिया गया।
साथ ही इस दिन हिंदी के महान कवि राजेंद्र सिंह की भी जंयती भी होती है, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है। राजेंद्र सिंह एक इतिहासकार के साथ-साथ हिंदी भाषा के बढ़े विद्वान माने जाते थे। कवि ने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन का चुनाव खुद किया था, जिस वजह से इस दिन को काफी खास माना जाता है। 
कानुन मेें है व्याख्या 
इसकी व्याख्या अनुच्छेद 351 और 343 में दी गई है। जिसमे कहा गया कि हिंदी संघ की राजभाषा होगी और देवनागरी लिपि में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बता दें कि हिंदी दुनिया भर में बोली जाती है, जिसमें सबसे अधिक संख्या हिंदी बोलने वालो की भारत में हैं। आपको बताते हुए हमें गर्व हैं कि हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरी भाषा है। साथ ही भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 43 pattishat लोग हिंदी बोलते हैं। जिसके बाद मराठी और बंगाली सबसे अधिक बोली जाती है।
Advertisement
Next Article