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जयपुर को क्यों कहते हैं ''Pink City'? शहर का नाम बदलने के पीछे क्या हैं राजा जी की अलग वजह, जानें इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स...

01:19 PM Sep 13, 2023 IST
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भारत विदेश से आने वाले आगंतुकों का हार्दिक स्वागत करता है। हमेशा से ही भारत में “अतिथि देवो भव” की परंपरा और संस्कृति रही हैं। अब वह चाहे भोजन हो या फिर देश की प्राकृतिक सुंदरता। भारत के सभी राज्य अपने खूबसूरत नज़ारों के लिए प्रसिद्ध हैं। जैसे आगरा में ताज महल के लिए फेमस हैं और दिल्ली में इंडिया गेट की अपनी अलग भूमिका हैं। 
अगर हम बात करें राजस्थान की राजधानी के बारें में तो जयपुर पूरी दुनिया में गुलाबी शहर के नाम से जाना जाता है। हालाँकि, अगर आपने कभी सोचा है कि जयपुर को “गुलाबी शहर” के रूप में क्यों जाना जाता है या इसका मुख्य कारण क्या है? तो आइए आज हम आपको इसके बारें में बताते हैं। 
क्यों जयपुर को कहते हैं “पिंक सिटी”?
राजस्थान का दौरा करते समय जयपुर अवश्य देखना चाहिए, हालाँकि यह एक बहुत ही मनमोहक जगह हैं और इसकी अपने आप में अलग खूबसूरती हैं। आपको बताते हैं इस शहर को पूरी तरह से गुलाबी रंग में रंग दिया गया है। इस शहर में आपको हर घर पर गुलाबी रंग नज़र आएगा। घर चाहे कितना भी बड़ा या कितना भी छोटा क्यों न हो, इससे फर्क नहीं पड़ता हैं। दरअसल, जयपुर की स्थापना के 100 साल बाद इस शहर को पिंक सिटी जैसा निकनेम दिया गया था। इससे पहले इसे केवल जयपुर ही कहा जाता था। महाराजा सवाई जय सिंह ने इस शहर की स्थापना की थी। इस शहर का नाम जयपुर इसी से पड़ा है।
पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगने की वजह 
जयपुर को एक महत्वपूर्ण कारण से भी गुलाबी रंग में रंगा गया था। जयपुर के राजा सवाई जय सिंह को पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगने का विचार आया। फिर उन्होंने कुछ दिनों बाद उच्च अधिकारियों से बात करके पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया। इसके बाद, इस शहर को “पिंक सिटी” उपनाम मिला।
जयपुर में महारानी एलिजाबेथ के आने की तैयारी 
इस शहर की सबसे ख़ास विशेषता यह थी कि इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और वेल्स के राजकुमार अल्बर्ट ने 1876 में यहां आने की योजना बनाई थी। जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह उस समय तैयारियों पर लगन से काम कर रहे थे। उनके स्वागत के लिए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजा कर इसकी खूबसूरती पर चार चाँद लगाए जा रहे थे। इसके अलावा, शहर की सड़कों पर झाड़ू लगाई जा रही थी और फूल-पत्तियाँ से इसे भी सजाया जा रहा था। 
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