Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

हनी ट्रेप में फंसते जवान

भारतीय जवान पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आईएसआई के हनी ट्रेप में फंसते जा रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीएसएफ कांस्टेबल

11:23 PM Sep 22, 2018 IST | Desk Team

भारतीय जवान पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आईएसआई के हनी ट्रेप में फंसते जा रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीएसएफ कांस्टेबल

भारतीय जवान पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आईएसआई के हनी ट्रेप में फंसते जा रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीएसएफ कांस्टेबल अच्युतानंद मिश्र को पाकिस्तानी महिला को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में पकड़ा। उसे इसके बदले में पैसे मिले या नहीं इसकी जांच की जा रही है। इस जवान की पाकिस्तानी महिला से दोस्ती सोशल साइट फेसबुक के जरिये 2016 में हुई थी। इस महिला ने पहले खुद को ​डिफैंस रिपोर्टर बताया लेकिन बाद में उसने गोपनीय जानकारियां मांगनी शुरू कर दीं।

पाकिस्तान के एजेंटों द्वारा जासूसी किया जाना कोई नई घटना नहीं है। जासूसी का इतिहास बहुत पुराना है। वैश्विक शक्तियां जासूसी में लिप्त हैं। लोग धन के लालच में ऐसे एजैंटों के चक्कर में फंस जाते हैं लेकिन सैन्य बलों आैर रक्षा मंत्रालय से जुड़े लोगों का हनी ट्रेप में फंसना देश के लिए घातक सिद्ध होता है। वास्तव में पाक खुफिया एजैंसी आईएसआई सुन्दर लड़कियों की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर सुरक्षा बलों के लोगों को मोहब्बत के जाल में फंसाकर जासूसी करा रही है। फर्जी फेसबुक एकाउंट के जरिये पहले दोस्ती की जाती है, फिर मोहब्बत की बातें की जाती हैं, फिर शादी का वादा किया जाता है, फिर शुरू होता है खतरनाक खेल। इस चक्कर में जवान और आला अफसर फंसकर अपना करियर बर्बाद कर रहे हैं।

आज कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया के जरिये ही किया जा रहा है। विश्व के दुर्दांत आतंकवादी सगठन आईएस ने अपनी कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार सोशल मीडिया के जरिये ही किया है। सोशल मीडिया इतना विषाक्त हो चुका है कि इसके ​जरिये युवकों का माइंड वॉश किया जा रहा है और दुनिया भर के मुस्लिम युवा जेहाद में शामिल होने के लिए सीरिया तक पहुंचते रहे हैं।

आईएसआई भारतीय सेना में अपने जासूसों को घुसाने के लिए जिस प्रकार के तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर रही है, वह बेहद चिन्तनीय है। भारतीय सेना में इस प्रकार के जासूसी के मामले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की नापाक साजिशों के चलते जिस तरह अब रह-रहकर सामने आ रहे हैं, वह देश की सुरक्षा की दृष्टि से गहन चिन्ता का विषय है।

कुछ माह पूर्व हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर से गौरव नामक युवक को पकड़ा गया, जिसे आईएसआई की दाे महिला जासूसों ने फेसबुक के माध्यम से फेक आईडी के जरिये सेना में भर्ती होने के बाद सेना से जुड़ी जानकारियां देने के लिए तैयार किया था और उसे सेना में भर्ती होने वाले अन्य युवकों से भी सम्पर्क बनाकर उनसे जानकारियां हासिल कर इन महिला जासूसों को उपलब्ध कराने के लिए लालच दिया गया था।

गौरव ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर ‘इंडियन आर्मी’ लिखा था, इसीलिए आईएसआई द्वारा सैन्य जानकारियां हासिल करने के लिए उसे निशाना बनाया गया और वह अमिता अहलूवालिया तथा सोनू कौर नाम से फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल वाली आईएसआई की दो महिला जासूसों के जाल में बड़ी आसानी से फंस गया। दरअसल आईएसआई का लक्ष्य सेना में अपने एजेंट घुसाने के साथ-साथ सेना के ट्रे​​निंग सैंटरों की आंतरिक जानकारियां हासिल करना भी है, जिसके लिए सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे गौरव को इन जासूसों ने ‘हनीट्रेप’ में फंसाकर राजी कर लिया कि वह भर्ती सैंटरों की जानकारी व्हाट्सएप तथा स्काइप वीडियो के माध्यम से उपलब्ध कराता रहे, साथ ही भर्ती में शामिल होने के दौरान साथी अभ्यर्थियों से भी सम्पर्क बढ़ाए।

इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारी व सैन्य कर्मी आईएसआई की ऐसी महिला जासूसों के मनमोहक जाल में फंसकर सेना की गोपनीय सूचनाएं लीक करते पकड़े गए हैं। ज्यादा समय नहीं हुआ, जब वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी अरुण मारवाह और थलसेना के एक अधिकारी को सेना में जासूसी के आरोप में दबोचा गया था और ये मामले उस समय देशभर में सुर्खियां बने थे। तब यह भी उजागर हुआ था कि आईएसआई कैसे सोशल मीडिया के जरिये युवाओं, सैन्य कर्मियों व सेना अधिकारियों को महिला एजेंटों के जरिये अपने जाल में फंसाने में सफल हो रही है।

पाठकों को याद होगा कि पाकिस्तान को गोपनीय सूचनाएं लीक करने के मामले में भारत की पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था और उनको तीन वर्ष की कैद की सजा भी सुनाई गई थी। माधुरी गुप्ता 2007 से 2010 तक पाकिस्तान में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात थी। माधुरी आईएसआई के दो अधिका​िरयों एम. रजा राणा और जमशेर के सम्पर्क में थी और उन्हें संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध कराती रही।

देशभर में ऐसी कई काली भेड़ें हैं जो पाकिस्तान की आईएसआई व अमेरिका की सीआईए के लिए काम करती हैं। हनी ट्रेप ऐसा जाल है जिसमें फंसने वालों को कोई आभास तक नहीं होता कि वह किस जाल में फंस रहे हैं।

जासूसी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब इस बात की जरूरत महसूस की जा रही है कि सुरक्षा बलों से जुड़े लोगों को सोशल मीडिया का सही ढंग से इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जाए। पिछले दिनों सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने भी कहा था कि आज के दौर में जवानों काे सोशल मीडिया के इस्तेमाल से रोका नहीं जा सकता लेकिन उन्हें अनुशासन और सेना द्वारा तय नियमों के तहत सोशल मीडिया के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाए। नियमों का उल्लंघन करने वालों काे कड़ी सजा दी जाए ताकि दूसरे भूलवश भी हनी ट्रेप के जाल में नहीं फंसें।

Advertisement
Advertisement
Next Article