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Uttarakhand में बिजली संकट का समाधान, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से मिलेगा रोजगार

हाइड्रो पावर से उत्तराखंड में बिजली संकट का अंत

05:07 AM May 12, 2025 IST | Neha Singh

हाइड्रो पावर से उत्तराखंड में बिजली संकट का अंत

उत्तराखंड में बिजली संकट का समाधान अब छोटी जल विद्युत परियोजनाओं के जरिए किया जा रहा है। राज्य ने 165 मेगावाट क्षमता वाली 14 परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है, जिससे न केवल बिजली की कमी दूर होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। यह कदम बड़ी परियोजनाओं के विवादों से बचने के लिए उठाया गया है।

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उत्तराखंड में बिजली संकट जल्द ही दूर हो जाएगा। बड़ी जल विद्युत परियोजना का इंतजार करने के बजाय राज्य ने छोटी जल विद्युत परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। यूजेवीएनएल की कुल 165 मेगावाट क्षमता वाली 14 जल विद्युत परियोजनाएं जल्द ही बिजली पैदा करेंगी। बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं के साथ पर्यावरण मंजूरी से जुड़े विवाद दशकों से सुलझ नहीं पाने के कारण उत्तराखंड के बिजली उत्पादन क्षेत्र में विकास थम सा गया है। राज्य के बिजली उत्पादन से जुड़ी फाइलें मंजूरी के इंतजार में दशकों से सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय में घूम रही हैं।

इंतजार लंबा होता देख सरकार ने छोटे-छोटे प्रयासों से छोटी विद्युत परियोजनाओं के जरिए बिजली उत्पादन बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके लिए वर्षों से फाइलों में गुम छोटी जल विद्युत परियोजनाओं से जुड़ी फाइलें बाहर निकाल ली गई हैं और उन पर काम आगे बढ़ना शुरू हो गया है। यूजेवीएनएल ने कुल 165 मेगावाट क्षमता वाली 14 विद्युत परियोजनाओं से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं।

सभी औपचारिकताएं पूरी कर जल्द काम शुरू करने की दिशा में काम आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि ऊर्जा निगम बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं के साथ ही छोटी जल विद्युत परियोजनाओं पर भी तेजी से काम कर रहा है। 121 मेगावाट के बाद अब 165 मेगावाट की परियोजना से संबंधित प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। उत्तराखंड को जल्द ही विद्युत उत्पादन में पावर सरप्लस राज्य के रूप में विकसित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

ये हैं परियोजनाएं

12 मेगावाट नक्कलगाड, 12 मेगावाट पानीगाड, 21 मेगावाट जिम्बापरम, 12 मेगावाट फुनशानी, छह मेगावाट पिल्टीगाड, 16 मेगावाट रालम बैसानी उडियार, 15 मेगावाट मंडप, 15 मेगावाट मुवानी, 14 मेगावाट कमतोली, 19.8 मेगावाट, चार मेगावाट रिकनाल आदि।

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