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दक्षिण कोरिया : राष्ट्रपति यून के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों की पुलिस ने शुरू की जांच

राष्ट्रपति यून सुक योल ने इस सप्ताह मार्शल लॉ घोषित करके क्या ‘देशद्रोह’ किया।

08:02 AM Dec 05, 2024 IST | Rahul Kumar Rawat

राष्ट्रपति यून सुक योल ने इस सप्ताह मार्शल लॉ घोषित करके क्या ‘देशद्रोह’ किया।

South Korea: राष्ट्रपति यून सुक योल ने इस सप्ताह मार्शल लॉ घोषित करके क्या ‘देशद्रोह’ किया। दक्षिण कोरियाई पुलिस ने गुरुवार को इस आरोप की जांच शुरू कर दी है। समाचार एजेंसी के अनुसार, दो शिकायतें दर्ज होने के बाद जांच का जिम्मा सुरक्षा जांच दल को सौंपा गया जो कि नेशनल पुलिस एजेंसी के राष्ट्रीय जांच कार्यालय के अंतर्गत आता है। एक शिकायत छोटे विपक्षी दल रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी की तरफ से दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी शिकायत 59 कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा दर्ज की गई थी।

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इन लोगों पर लगे देशद्रोह का आरोप

शिकायतों में न केवल यून बल्कि पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून, सेना प्रमुख जनरल पार्क अन-सू और आंतरिक मंत्री ली सांग-मिन पर भी देशद्रोह और अन्य संबंधित आरोप लगाए गए। इन सभी की मंगलवार को मार्शल लॉ की घोषणा और उसे हटाए जाने में कथित भूमिका थी। अभियोजन पक्ष और उच्च पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय को भी यून पर राजद्रोह का आरोप लगाने वाली शिकायतें प्राप्त हुई हैं और वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या वे स्वयं जांच करें या उन्हें पुलिस को सौंप दें।

मामलों की जांच में जुटी पुलिस

कानूनी सूत्रों के अनुसार, प्रॉसिक्यूटर जनरल शिम वू-जंग ने भी प्रॉसिक्यूटर को अपनी स्वयं की जांच शुरू करने का आदेश दिया और केस को सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट अभियोजक कार्यालय के सार्वजनिक सुरक्षा जांच प्रभाग को सौंप दिया। बुधवार को लेबर पार्टी समेत छोटे विपक्षी दलों ने यून, किम और पार्क के खिलाफ अभियोजन पक्ष में शिकायत दर्ज कराई और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया। शिम के फैसले के बाद, पुलिस और अभियोजकों दोनों से मामलों की एक साथ जांच करने की उम्मीद है।

मॉर्शल लॉ का विपक्षी पार्टी ने किया विरोध

बता दें राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मंगलवार रात मॉर्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि बुधवार सुबह उन्हें अपना फैसला पलटना पड़ा। मार्शल लॉ कुछ ही घंटे तक लागू रहा।यून की मार्शल लॉ की घोषणा का न सिर्फ विपक्षी पार्टियों ने बल्कि उनकी अपनी सत्ताधारी दल पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने भी विरोध किया।

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