भारतीय टीम में विभाजन की अटकलें, बासित अली ने उठाए सवाल
बासित अली का दावा: रोहित और गंभीर में तालमेल की कमी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी ख़राब रहा। एडिलेड टेस्ट में भारत को 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। वही ब्रिसबेन में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट में भी भरतीय टीम अब तक कुछ खास नई कर पाई है। अब हाल ही में पूर्व पाकिस्तान खिलाड़ी बासित अली ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में विभाजन की अटकलों को जन्म दिया है। उनका मानना है की कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच गौतम गंभीर एक पन्ने पर नहीं है। गाबा में चल रही बारिश के कारण खेल में काफी बाधाएं आ रही है। टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय टीम की तरफ से वन-मैन शो देखने को मिला। भारतीय प्रशंसकों के लिए ये दिन भूलने लायक रहा।
भारतीय टीम से जसप्रीत बुमराह बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले एकमात्र खिलाड़ी रहे। उन्होंने इस सीरीज में दूसरी बार पांच-विकेट हॉल लिया। पहली पारी में बुमराह ने 76 रन देकर 6 विकेट लिए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 445 रन बनाये। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ो ने 51 रनों पर भारत के चार विकेट ले लिए।
एडिलेड टेस्ट में भी ऐसा ही प्रदर्शन देखने को मिला, जिसमें बुमराह ने 61 रन देकर 4 विकेट चटकाए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 337 रन बनाए थे। जवाब में कोई भी भारतीय बल्लेबाज़ अर्धशतक भी नहीं बना पाए और ऑस्ट्रेलिया ने केवल 19 रन का लक्ष्य दिया गे जिसे मेज़बान टीम ने महज़ गेंदों में पूरा कर लिया।
हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर बसीत अली ने अनुमान लगाया की इस साल की शुरुआत में भारतीय टीम के नए हेड कोच नियुक्त होने के बाद से गौतम गंभीर और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के बीच एकमत नहीं है।
बासित ने कहा,
“रोहित शर्मा और गौतम गंभीर के बीच एक जैसा रवैया नहीं है, चाहे वह श्रीलंका में वनडे टूर्नामेंट हो, बांग्लादेश हो, जो एक कमज़ोर सीरीज़ थी; या उसके बाद न्यूज़ीलैंड सीरीज़ हो। दूसरे और तीसरे टेस्ट में, रोहित और गंभीर का एक जैसा रवैया नहीं था, जैसे राहुल द्रविड़ रखते थे। वे और रोहित एक जैसा रवैया नहीं रखते,” बासित ने कहा।
बासित ने आगे कहा,
“मैं इसे बहुत आसानी से समझा सकता हूँ। तीनों टेस्ट मैचों में, एक अलग स्पिनर खेला। दो टेस्ट मैचों में, उन्होंने टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी की, लेकिन यहाँ उन्होंने गेंदबाजी करना चुना। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी में तीन बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं….तो क्यों नहीं वाशिंगटन सुंदर और क्यों नहीं रविचंद्रन अश्विन? जो कोई भी क्रिकेट को समझता है, वह निश्चित रूप से इसके बारे में बात करेगा।”
बासित ने गाबा में पहले गेंदबाज़ी करने के भारत के फैसले पर भी सवाल उठाए, जिसमें बोलिंग अटैक काफी हद तक बुमराह पर निर्भर था। उन्हें लगता है की भारत बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की कमी से जूझ रहा है और साथ ही इसे टीम की कमज़ोर कड़ी भी बताया।