For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Sri Lankan: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे शनिवार को अपने वतन लोटेंगे

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे शनिवार तड़के थाईलैंड से स्वदेश लौटेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की।

03:12 PM Sep 02, 2022 IST | Desk Team

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे शनिवार तड़के थाईलैंड से स्वदेश लौटेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की।

sri lankan  श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे शनिवार को अपने वतन लोटेंगे
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह पता चला कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे आगामी शनिवार को अपने वतन यानि की श्रीलंका में आने वाले हैं। बीतें, पिछले महीनों में श्रीलंका में आर्थिक संकट चल रहा था जिसके चलते गोटबाया राजपक्षे स्वदेश छोड़कर विदेश भाग गये थे। क्योंकि राष्ट्रपति अपने देश को बढ़ती महंगाई और आम जनता को मूलभूत आवश्यकताओं से परिचित नहीं कराया। राजपक्षे श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच उनके तत्काल इस्तीफे की मांग को लेकर महीनों से जारी विरोध-प्रदर्शनों के नौ जुलाई को हिंसक रूप अख्तियार करने के बाद 13 जुलाई को देश छोड़कर भाग गए थे। उस समय प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति आ‍वास सहित कई अन्य सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया था।
Advertisement
राजपक्षे सबसे पहले श्रीलंका से मालदीव भागे थे
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजपक्षे शनिवार सुबह श्रीलंका लौटेंगे। हालांकि, उनकी उड़ान के बारे में अभी कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह कोलंबो के पूर्वी उपनगर मिरिहाना स्थित अपने निजी आवास में ठहरेंगे या नहीं।एक पूर्व राष्ट्रपति के रूप में राजपक्षे एक सरकारी बंगले और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं।राजपक्षे पहले श्रीलंका वायुसेना के विमान के जरिये कोलंबो से मालदीव भागे थे। मालदीव से वह सिंगापुर रवाना हुए थे, जहां से उन्होंने 14 जुलाई को अपना इस्तीफा भेजा था। बाद में राजपक्षे ने अस्थायी आश्रय की तलाश में थाईलैंड के लिए उड़ान भरी थी।
कौन हैं गोटाबाया राजपक्षे, जिसने पूरे श्रीलंका को सड़क पर उतरने को मजबूर कर  दिया है | न्यूज़क्लिक
Advertisement
थाईलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुदविनई ने कहा है कि राजपक्षे 90 दिनों तक देश में रह सकते हैं, क्योंकि वह अब भी एक राजनयिक पासपोर्ट के धारक हैं।हालांकि, थाईलैंड में राजपक्षे को सियासी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई थी। उनके वहां कथित तौर पर सुरक्षा कर्मियों के घेरे में एक होटल तक सीमित रहने की भी खबरें हैं।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने राजपक्षे के नेतृत्व वाली एसएलपीपी 
राजपक्षे के अपदस्थ होने के बाद श्रीलंका की संसद ने तत्कालीन कार्यवाहक राष्ट्रपति और छह बार प्रधानमंत्री रह चुके रानिल विक्रमसिंघे को उनकेउत्तराधिकारी के रूप में चुना था। विक्रमसिंघे को 225 सदस्यीय संसद में सबसे बड़े दल श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) का समर्थन हासिल था।मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने राजपक्षे के नेतृत्व वाली एसएलपीपी के अनुरोध पर उनकी स्वदेश वापसी के इंतजाम किए हैं।एसएलपीपी के महासचिव सागर करियावासम ने 19 अगस्त को कहा था कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ हुई बैठक में इस संबंध में अनुरोध किया गया था।करियावासम ने बताया था कि उन्होंने राष्ट्रपति से राजपक्षे की वापसी की व्यवस्था करने और उन्हें कड़ी सुरक्षा एवं आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की अपील की है।पूर्व सैन्य अधिकारी राजपक्षे नवंबर 2019 में राष्ट्रपति के पद पर काबिज हुए थे।
Advertisement
Author Image

Advertisement
×