भारत और रूस के बीच 'मजबूत और भरोसेमंद साझेदारी' : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और रूस के बीच 'मजबूत और भरोसेमंद साझेदारी' है। नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत का किसी भी देश के साथ संबंध अपनी खूबियों पर टिका है और इसे किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत-रूस संबंधों में कोई बदलाव आया है। इस सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा, हमारे किसी भी देश के साथ संबंध अपनी योग्यता पर आधारित हैं और उन्हें किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। जहां तक भारत-रूस संबंधों का सवाल है, हमारे बीच की दोस्ती मजबूत और भरोसेमंद है।
भारत और रूस के बीच मजबूत संबंध
रणधीर जायसवाल की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के उस बयान के 24 घंटे बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का रूस से तेल खरीदना अमेरिका के साथ उसके रिश्तों में परेशानी का कारण है। गौरतलब है कि भारत 2022 से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस से तेल खरीद रहा है। रूबियो ने गुरुवार को फॉक्स रेडियो पर कहा, भारत हमारा सहयोगी और रणनीतिक साझेदार है, लेकिन विदेश नीति में हर समय 100 प्रतिशत सहमति नहीं होती। उन्होंने आगे कहा, भारत की ऊर्जा जरूरतें बहुत ज्यादा हैं और इसमें तेल, कोयला, गैस और अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जरूरी चीजें खरीदने की क्षमता शामिल है, जैसा हर देश करता है।
Weekly Media Briefing by the Official Spokesperson (August 01, 2025)
https://t.co/e1AadhLBOb— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 1, 2025
भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ
भारत ये जरूरतें रूस से पूरी करता है, क्योंकि रूसी तेल पर पाबंदियां लगी हैं और वह सस्ता मिलता है। रूस को अक्सर इसे वैश्विक बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचना पड़ता है। दुर्भाग्य से, इससे रूस के युद्ध प्रयासों को सहारा मिल रहा है। इसलिए यह बात भारत और हमारे रिश्तों में एक परेशानी का बिंदु है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी भारत के रूस के साथ व्यापारिक संबंधों और ऊंचे व्यापारिक अवरोधों का हवाला देकर भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क और अतिरिक्त दंड लगाने की घोषणा की थी, जो 1 अगस्त से लागू होता। हालांकि, अब इस फैसले को 7 अगस्त के लिए टाल दिया गया है।