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Success Story: कभी 10 रूपये के लिए मोहताज थे पिता आज बेटा अरबपतियों की लिस्ट में शामिल, जानें सफलता की पूरी कहानी

05:52 PM Jul 11, 2025 IST | Shivangi Shandilya
success story  कभी 10 रूपये के लिए मोहताज थे पिता आज बेटा अरबपतियों की लिस्ट में शामिल  जानें सफलता की पूरी कहानी
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Success Story: अगर कभी भी सबसे जीनियस बिजनेसमैन का नाम लिया जाता है तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम धीरूभाई अंबानी का आता है। धीरूभाई अंबानी को अबतक का सबसे जीनियस बिजनेसमैन यूं ही नहीं कहा गया है। भारतीय कॉरपोरेट वर्ल्ड में हमेशा यह बात कही जाती है कि अगर बिजनेस करना है तो धीरूभाई अंबानी से सीखें। बहुत कम लोग जानते होंगे कि धीरूभाई अंबानी नौकरी के लिए यमन तक का सफर तय किए गए थे जहां उनको शुरूआती में मंथली सैलरी 200 रुपए दिए जाते थे। जो दिन के हिसाब से देखें तो उनकी कमाई 6 रुपए के करीब होती थी। वहीं किस्मत और वक्त बदलते देर नहीं लगती, यह बात अंबानी को देखकर साबित हो जाती है। जी हां, अब उनके बड़े बेटे मुकेश अंबानी का नाम किसी से छिपा नहीं है। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो मुकेश अंबानी को न जानता हो। उनकी दैनिक कमाई की बात करें तो कुछ सूत्रों के अनुसार, मुकेश अंबानी की प्रति मिनट कमाई 2.35 लाख रुपये और प्रति घंटे की कमाई 1.4 करोड़ रुपये है।

यहां की पहली नौकरी

धीरूभाई की पहली नौकरी की बात करें तो 1949 में 17 साल की उम्र में वे कबोता नाम के जहाज से यमन के अदन शहर पहुंचे। यहां उनके बड़े भाई रमणीकलाल ने उनके लिए सारी व्यवस्था कर दी थी, इसलिए उन्हें वहां कोई परेशानी नहीं हुई। (Success Story) लेकिन धीरूभाई के मन में कुछ और ही था, सो 1955 में किस्मत ने उनका साथ दिया और यहीं से उनके कारोबारी सफर की शुरुआत हुई। यहीं से धीरूभाई अंबानी ने ऐसे कदम रखे कि उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। धीरूभाई अंबानी केवल 500 रुपये लेकर मुंबई आए थे। 6 जुलाई 2002 को जब उनका निधन हुआ, तब तक रिलायंस 62 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बन चुकी थी।

धीरूभाई के पिता थे टीचर

बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव धीरूभाई अंबानी ने रखी थी। धीरूभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर 1933 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में हुआ था। (Success Story) उनका पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था। जब धीरूभाई ने व्यापार जगत में कदम रखा, तब उनके पास न तो कोई पैतृक संपत्ति थी और न ही कोई बैंक बैलेंस। उनके पिता हीराचंद एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। धीरूभाई की मृत्यु के बाद, उनकी पत्नी कोकिलाबेन ने उनकी संपत्ति के बंटवारे में मुख्य भूमिका निभाई।

बीच में छोड़ी पढ़ाई

आर्थिक तंगी के कारण धीरूभाई को हाई स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी। (Success Story) उन्होंने बचपन में ही परिवार की आर्थिक मदद करना शुरू कर दिया था। इस दौरान, वे गिरनार (गुजरात का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल) के पास भजिया की दुकान लगाते थे, दुकान की प्रॉफिट यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या तक सीमित थी।

मुकेश अंबानी के पास कितनी है दौलत?

बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति अब 103 अरब डॉलर हो चुकी है। भारतीय रुपये में लगभग 8,827.05 अरब रुपये होंगे। (Success Story) इस साल उनकी संपत्ति में 12.8 अरब डॉलर का इज़ाफ़ा हुआ है। हालाँकि, वे अभी भी एलन मस्क से 256 अरब डॉलर पीछे हैं। ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार, वे दुनिया के 17वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।

Reliance's Mukesh Ambani earned Rs 300 crore per day over last one year |  पिछले एक साल में मुकेश अंबानी ने रोज कमाए 300 करोड़ रुपए, लगातार 7वें साल  बने भारत के

कहां से आता है इतना पैसा?

अंबानी की संपत्ति का बड़ा हिस्सा रिलायंस इंडस्ट्रीज में उनकी 42% हिस्सेदारी से आता है। (Success Story) यह कंपनी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी है और ब्लूमबर्ग के अनुसार, इसका तेल शोधन परिसर दुनिया का सबसे बड़ा है। इसके अलावा, जुलाई 2023 में जियो फाइनेंशियल सर्विसेज नामक एक कंपनी भी रिलायंस से अलग हो गई। इसमें भी अंबानी की प्रत्यक्ष और प्रवर्तक समूह के माध्यम से लगभग 43% हिस्सेदारी है।

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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