Sunil Gavaskar ने भारत की हार का इसे ठहराया
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। ये मैच खास था क्योंकि शुभमन गिल ने पहली बार टेस्ट टीम की कप्तानी की, लेकिन शुरुआत कुछ खास नहीं रही। भारत ने इस मैच में कुल 5 शतक लगाए, फिर भी आखिरी दिन इंग्लैंड ने 371 रन का टारगेट आसानी से चेज़ कर लिया और सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली।
इंग्लैंड के ओपनर बेन डकेट ने 149 रन की धुआंधार पारी खेली और भारत के गेंदबाज़ों की एक ना चलने दी। उन्होंने सिर्फ 170 गेंदों में 21 चौके और एक रिवर्स स्वीप सिक्स के साथ मैच की दिशा ही पलट दी। उनके साथ ज़ैक क्रॉली ने भी 65 रन जोड़े और दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 188 रन की बड़ी साझेदारी की। इसके बाद जो रूट के 53 और जैमी स्मिथ के 44 रनों ने इंग्लैंड को जीत की ओर आसानी से पहुँचा दिया।
भारत की हार की बड़ी वजहें रही – निचले क्रम का पूरी तरह फेल होना, कई आसान कैच छोड़ना, और आखिरी दिन विकेट ना निकाल पाना। बॉलिंग में जसप्रीत बुमराह को छोड़कर बाकी गेंदबाज़ ज्यादा असरदार नहीं दिखे।
सुनील गावस्कर ने इस हार पर अपनी राय दी और साफ कहा कि इंग्लैंड को जीत का पूरा श्रेय जाता है। उन्होंने कहा, “हालांकि भारत ने पांच शतक लगाए, फिर भी इंग्लैंड में एक अलग आत्मविश्वास था। उन्होंने आखिरी विकेट लेने की चाह दिखाई, और वहीं भारत चूक गया।” उन्होंने भारतीय फील्डिंग को भी टेस्ट मैच के स्तर का नहीं बताया और कहा कि कैच ही नहीं, बल्कि आउटफील्डिंग भी काफी कमजोर रही।
पिच बल्लेबाज़ों के लिए मददगार थी, इसलिए गावस्कर ने गेंदबाज़ों की बहुत ज्यादा आलोचना नहीं की। उन्होंने खासतौर पर बुमराह की तारीफ करते हुए कहा कि अगर उन्हें किसी और गेंदबाज़ से थोड़ा साथ मिल जाता, तो बात अलग हो सकती थी।
गावस्कर ने एक और अहम बात कही – खिलाड़ियों को अब “ऑप्शनल प्रैक्टिस” जैसी चीज़ों को छोड़कर, पूरी गंभीरता से ट्रेनिंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आप इंडिया के लिए खेलने आए हैं। इसलिए इस तरह की प्रैक्टिस करो जिससे आपका बेस्ट निकले। दो दिन आराम कर सकते हो, लेकिन फिर फोकस सिर्फ मैच पर होना चाहिए।”
गावस्कर ने चेतेश्वर पुजारा का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कई बार कोचिंग स्टाफ खुद कहता था कि ‘आराम कर लो’, लेकिन एक खिलाड़ी की तैयारी और मेहनत उससे भी बड़ी होती है।
अब अगला टेस्ट मैच 8 दिन बाद है, और उम्मीद यही की जा रही है कि टीम इंडिया इन गलतियों से सीखेगी। कप्तान गिल के लिए भी ये एक सीख का मौका है – कि सिर्फ रनों से मैच नहीं जीतते, हर एक मौके को पकड़ना होता है।