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डॉग लवर्स के लिए खुशखबरी, शेल्टर होम से छोड़े जाएंगे कुत्ते, Supreme Court ने सुनाया फैसला

10:47 AM Aug 22, 2025 IST | Neha Singh
Supreme Court Stray Dogs Case live Update

Supreme Court Stray Dogs Case live Update: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के बारें जारी किए गए अपने हालिया फैसले पर आज सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि कुत्तों को वापस छोड़ने पर लगी रोक हटा दी गई है।

SC Stray Dogs Control Measures: टीकाकरण के बाद छोड़े जाएंगे कुत्ते

कोर्ट ने कहा कि पागल और खतरनाक कुत्तों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि पकड़े गए कुत्तों को टीकाकरण के बाद ही छोड़ा जाना चाहिए। इसके अलावा, बीमार और आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला डॉग लवर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए हैं। इसके अलावा, बीमार और आक्रामक कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि हर इलाके में एक निश्चित जगह बनाई जाए ताकि कुत्तों को कहीं भी खाना न खिलाया जाए।

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SC Stray Dogs Control Measures

SC Stray Dogs Case Today News: क्या था SC का पहला आदेश

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले की सुनावाई की है, जिसमें दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में नगर निकायों को सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर आश्रय स्थलों में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया था। सार्वजनिक सुरक्षा और रेबीज की घटनाओं पर बढ़ती चिंताओं के जवाब में जारी इस आदेश में अधिकारियों को सड़कों को आवारा पशुओं से मुक्त करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही इन प्रयासों में बाधा डालने वाले व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

Supreme Court Stray Dogs Case live Update

पशु प्रेमी समूह ने किया आदेश का विरोध

इस आदेश से पशु कल्याण समूहों, कार्यकर्ताओं और नागरिकों में भारी विरोध हुआ, क्योंकि उनके अनुसार क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में आवारा पशुओं को रखने के लिए पर्याप्त आश्रय सुविधाएं नहीं हैं। कई लोगों ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे सर्वोच्च न्यायालय के 2024 के फैसले के विपरीत बताया, जिसमें आवारा पशुओं के अधिकारों को बरकरार रखा गया था और संवैधानिक मूल्यों के रूप में करुणा और सह-अस्तित्व पर जोर दिया गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और तीन जजों की एक बेंच बनाई, ताकि आवारा कुत्तों को मारने पर रोक लगाने और उनके साथ मानवीय व्यवहार करने के पिछले अदालती फैसलों को ध्यान में रखकर मामले की दोबारा समीक्षा की जाए।

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