W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए PM मोदी ने कहा : देश ने अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल नहीं किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने परोक्ष रूप से गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अपनी पूरी क्षमताओं के अनुरूप काम नहीं किया और इसके पीछे की ‘‘नीयत’’ और ‘‘इरादों’’ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने रायबरेली रेल कोच कारखाना का उदाहरण पेश किया।

01:21 AM Nov 26, 2020 IST | Shera Rajput

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने परोक्ष रूप से गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अपनी पूरी क्षमताओं के अनुरूप काम नहीं किया और इसके पीछे की ‘‘नीयत’’ और ‘‘इरादों’’ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने रायबरेली रेल कोच कारखाना का उदाहरण पेश किया।

पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए pm मोदी ने कहा   देश ने अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल नहीं किया
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने परोक्ष रूप से गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अपनी पूरी क्षमताओं के अनुरूप काम नहीं किया और इसके पीछे की ‘‘नीयत’’ और ‘‘इरादों’’ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने रायबरेली रेल कोच कारखाना का उदाहरण पेश किया। 
उन्होंने कहा कि यह कारखाना कोच बनाने में सक्षम था लेकिन इसकी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल 2014 के बाद किया गया और नतीजा ये है कि आज वहां सैकड़ों कोच बनाए जा रहे हैं। 
मोदी ने कहा, ‘‘रायबरेली के रेल कोच कारखाने में किए गए निवेश का लंबे समय तक छोटे उत्पादों और कपूरथला में बनने वाले कोचों में लगने वाले सामानों के अतिरिक्त इस्तेमाल नहीं किया गया था। कारखाना कोच बनाने में सक्षम था, लेकिन इसकी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल कभी नहीं किया गया।’’ 
उन्होंने कहा कि 2014 में इस स्थिति में बदलाव किया गया और आज कारखाने में सैकड़ों कोच बनाए जा रहे हैं। 
मोदी ने क्षमताओं के साथ-साथ इच्छा शक्ति और इरादे को भी उतना ही महत्वपूर्ण बताया और कहा, “सोच में सकारात्मकता और दृष्टिकोण में संभावनाओं को हमेशा ही जीवित रखना चाहिए।” 
लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज का रायबरेली रेल कोच कारखाना सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का बेहतर उदाहरण है जो हर साल सैंकड़ों रेल कोच तैयार कर रहा है। 
इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट और एक स्मारक सिक्‍का भी जारी किया। 
लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में हुई थी। इस साल लखनऊ विश्वविद्यालय अपने 100 साल पूरे कर रहा है। 
कार्यक्रम में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हम कई बार अपने सामर्थ्य का पूरा उपयोग नहीं करते हैं। यही समस्या पहले सरकारी तौर-तरीकों में भी थी। जब सामर्थ्य का सही उपयोग ना हो तो क्या नतीजा होता है, इसका एक उदाहरण है रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में वर्षों पहले निवेश हुआ, संसाधन लगे, मशीनें लगीं, बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई कि रेल कोच लगाएंगे लेकिन कई वर्षों तक वहां सिर्फ डेंटिंग-पेंटिंग का ही काम होता रहा। जिस कारखाने में रेल डिब्बे बनाने का सामर्थ्य था, उसमें पूरी क्षमता से काम कभी नहीं हुआ।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर-तरीका बदला। परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहां से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहां हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं। सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का यह एक उदाहरण है।’’ 
हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस या उसके नेताओं का नाम नहीं लिया। 
मोदी ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़ी रेल कोच फैक्ट्री की जब भी चर्चा होगी तो वह रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री की होगी। 
उन्होंने कहा कि सोच में सकारात्मकता और संभावनाशीलता को हमेशा जिंदा रखना चाहिए। 
ज्ञात हो कि रायबरेली संसदीय क्षेत्र पर लंबे समय से गांधी-नेहरू परिवार का कब्जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी वर्तमान में वहां से सांसद हैं। 
प्रधानमंत्री ने कुछ साल पहले तक यूरिया की कमी होने का जिक्र करते हुए कहा कि आज देश में यूरिया कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और इसकी कालाबाजारी पर भी पूरी तरह रोक लग गई है। 
उन्होंने कहा, ‘‘एक जमाने में देश में यूरिया उत्पादन के बहुत से कारखाने थे लेकिन इसके बावजूद काफी यूरिया भारत बाहर से आयात करता था। इसकी बड़ी वजह थी कि जो देश के खाद कारखाने थे वो अपनी पूरी क्षमता से कार्य ही नहीं करते थे। हमने सरकार में आने के बाद एक के बाद एक नीतिगत निर्णय लिए। इसी का नतीजा है कि आज देश में यूरिया कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं।’’ 
मोदी ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही नई तकनीक लाकर पुराने बंद हो चुके जिन कारखानों को दोबारा शुरू किया जा रहा है उनमें गोरखपुर और बरौनी के कारखाने भी शामिल हैं। 
उन्होंने कहा, ‘‘यूरिया किसानों के नाम पर निकलता था और पहुंचाया कहीं और जाता था। इसका बहुत बड़ा खामियाजा देश के किसानों को उठाना पड़ता था। यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग करने की उस समय इच्छाशक्ति नहीं थी। आज शत-प्रतिशत नीम कोटिंग हो रही है। देश को आज पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिल रहा है।’’ 
प्रधानमंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि 2014 के पहले 20 वर्षों में जितने रुपयों की खादी की बिक्री हुई थी, उससे ज्यादा की बिक्री पिछले छह वर्षों में हुई है। 
उन्होंने कहा, ‘‘खादी पर हम गर्व करते हैं। मैंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए खादी का खूब प्रचार-प्रसार किया। आज खादी के एक स्टोर से एक दिन में एक-एक करोड़ रुपये की बिक्री होती है।’’ 
प्रधानमंत्री ने आत्मविश्वास और आत्मावलोकन को नयी शिक्षा नीति का लक्ष्य करार दिया और कहा कि ‘‘बंधनों से जकड़ा हुआ शरीर और दिमाग कभी फलदायी नहीं हो सकता’’। 
उन्होंने कहा, ”नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य यही है कि देश का हर युवा खुद को जान सके। अपने मन को टटोल सके। नर्सरी से लेकर पीएचडी तक आमूल-चूल परिवर्तन इसी संकल्प के साथ किए गए हैं। कोशिश यह है कि आत्मविश्वास हमारे विद्यार्थियों में हो।” 
उन्होंने कहा, ”आत्मविश्वास तभी आता है जब अपने लिए निर्णय लेने की आजादी मिले। बंधनों में जकड़ा हुआ शरीर और दिमाग कभी सृजनात्मक नहीं हो सकता। आप सभी शिक्षकों और युवा साथियों से यही आग्रह रहेगा कि इस नई शिक्षा नीति पर आप खूब चर्चा और मंथन करें, वाद-विवाद और संवाद करें। इस नई नीति पर पूरी शक्ति के साथ काम करें। देश जब आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा तब तक नई शिक्षा नीति व्यापक रूप से अपनी आत्मा के साथ हमारी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बन जाएगी।” 
मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार को संस्थान की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए विशेष डाक टिकट, विशेष कवर तथा स्मारक सिक्के का विमोचन भी किया। 
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय सिर्फ उच्च शिक्षा का ही केंद्र नहीं होते, ये ऊंचे संकल्पों, ऊंचे लक्ष्यों को साधने की एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि होती है। ये हमारी भीतर की ताकत को जगाने की प्रेरणा स्थली भी है।’’ 
कार्यक्रम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। 
Advertisement
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×