टाटा स्टील शतरंज: गुकेश ने हरिकृष्णा को मात देकर शीर्ष पर बनाई जगह
गुकेश ने हरिकृष्णा को 46 चालों में हराकर सयुंक्त बढ़त हासिल की
हाल ही में शतरंज विश्व चैंपियन बने गुकेश डोम्माराजू ने Tata Steel शतरंज टूर्नामेंट के 7वें राउंड में पेंटाला हरिकृष्णा को 46 चालों में हराकर सयुंक्त बढ़त हासिल कर ली है। जब 18 वर्षीय गुकेश ने नवंबर-दिसंबर में सिंगापुर के डिंग लिरेन को हराकर शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था तब हरिकृष्णा टीम गुकेश का हिस्सा थे। पिछले साल हरिकृष्णा और गुकेश ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम में भी साथी थे।
हरिकृष्णा, वास्तव में टीम गुकेश के दूसरे सदस्य हैं, जिन्हें 18 वर्षीय खिलाड़ी ने विज्क आन ज़ी में टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में हराया था।
गुकेश ने टूर्नामेंट में पहले जर्मन GM विंसेंट कीमर को भी हराया था। अब तक गुकेश ने चार गेम ड्रा किए हैं और तीन जीते हैं। इस वक्त गुकेश अपने हमवतन प्रग्गनानन्दा और उज्बेक कट्टर प्रतिद्वंद्वी नोडिरबेक अब्दुसत्तारोव के साथ शीर्ष पर हैं, जिन्हें उन्होंने छठे राउंड में हराकर काफी मुश्किल स्थिति से ड्रा बचाया था। तीनों खिलाडियों के पास 7 गेम के बाद 5-5 अंक हैं और अभी छह राउंड और बचे हैं। अब आठवें राउंड में गुकेश और प्रग्गनानन्दा आमने सामने होंगे।
प्रज्ञानानंद का सामना करने के बारे में बात करते हुए गुकेश ने कहा,
“यह एक शानदार गेम होगा। हम सभी युवा एक-दूसरे के खिलाफ कई गेम खेलेंगे और हर गेम रोमांचक होगा। ये एक मज़ेदार गेम होगा।”
मैग्नस कार्लसन ने डच गांव विज्क आन ज़ी में टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट को ‘आत्मा के लिए डिटॉक्स’ बताया, क्यूंकि यहाँ उन्हें शतरंज पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिला। गुकेश ने इस पर सहमति जताते हुए कहा,
“यह अच्छा है, आप खिड़की से बाहर देखते हैं और आपको कोई नहीं दिखता। और भारत में आपको ऐसा नहीं मिलता। यह बदलाव अच्छा है और इसमें खेलना मज़ेदार है। मेरे दिल में इसकी एक ख़ास जगह ह।”