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जानलेवा गर्मी ने ली शिक्षक की जान!

दिल्ली में बढ़ता पारा अब लोगों की जान भी लेने लगा है। शनिवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि एक शिक्षक की हीट स्ट्रोक से मौत हुई है।

06:17 AM Jun 03, 2019 IST | Ujjwal Jain

दिल्ली में बढ़ता पारा अब लोगों की जान भी लेने लगा है। शनिवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि एक शिक्षक की हीट स्ट्रोक से मौत हुई है।

जानलेवा गर्मी ने ली शिक्षक की जान
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नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ता पारा अब लोगों की जान भी लेने लगा है। शनिवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि एक शिक्षक की हीट स्ट्रोक से मौत हुई है। हालांकि इस बारे में अंतिम पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी। दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर स्थित सरकारी स्कूल के एक शिक्षक को गर्मी से अपनी जान गंवानी पड़ी है। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद लगभग 12 बजे परिजनों को शरीर सौंपा गया।
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जबकि करीब 2 बजे उनका निगम बोध घाट में अंतिम संस्कार किया गया। उनके जाने से परिवार में दुख का माहौल है। पत्नी और तीन बच्चों की जिम्मेदारी उन्होंने अकेले ही संभाली थी। सर्वोदय बाल विद्यालय (एसबीवी), सेक्टर-4, डॉ. अंबेडकर नगर के टीजीटी संस्कृत शिक्षक 48 वर्षीय उदय चंद्र झा शनिवार करीब दोपहर 2.30 बजे स्कूल से अपने घर पहुंचे थे। परिवार के मुताबिक उदय चंद्र घर आते ही गर्मी से बेहाल थे। उन्हें चक्कर भी आ रहे थे। हाथ-मुंह धो कर जब वह खाना खाने बैठे तो उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। ऐसे में तुरंत उन्हें दक्षिणी दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन उन्हें अस्पताल पहुंचने से पहले ही करीब 3 बजे रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
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राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ (जीएसटीए) ने कहा कि दिल्ली में गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है। ऐसे में सरकार ने शिक्षकों को छुट्टी लेने पर भी रोक लगा रखी है। यही कारण है कि गर्मी व तनाव में शिक्षक की मोत हो गई। अगर छुट्टियों पर रोक ना होती तो मृतक शिक्षक अपने मूल निवास बिहार जाते और शायद तनाव रहित रह कर मृत्यु से बच जाते। अजय वीर यादव ने कहा कि शिक्षक पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
अगर इसमें मौत का कारण गर्मी को माना जाता है तो सरकार से उदय चंद्र के परिवार की सहायता के लिए एक करोड़ रुपए देने की और परिवार के आश्रितों को नौकरी देने की मांग की जाएगी। उदय चंद्र की मिशन बुनियाद के तहत ड्यूटी लगाई गई थी। वह रोजाना अपने मोलड़बंद स्थित आवास से अंबेडकर नगर स्कूल में पढ़ाने आते थे।
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