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बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब, BSF की गतिविधियों पर जताई चिंता

भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर तनाव, उच्चायुक्त तलब

01:15 AM Jan 13, 2025 IST | Himanshu Negi

भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर तनाव, उच्चायुक्त तलब

बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब  bsf की गतिविधियों पर जताई चिंता

बंगलादेश के विदेश मंत्रालय ने सीमा तनाव को लेकर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। यह घटनाक्रम बंगलादेश द्वारा यह आरोप लगाए जाने के कुछ घंटों बाद सामने आया है कि भारत द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत-बंगलादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ उनकी बैठक लगभग 45 मिनट तक चली। बंगलादेश की अंतरिम सरकार की ओर से हालांकि चर्चा के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की कि उच्चायुक्त को तलब किया गया है।

भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने क्या कहा

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा कि ढाका और नई दिल्ली के बीच सीमा पर सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने के संबंध में सहमति है। वर्मा ने कहा कि हमारे दो सीमा सुरक्षा बल – बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) – इस संबंध में संपर्क में हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस सहमति को लागू किया जाएगा और सीमा पर अपराधों से निपटने के लिए सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इससे पहले दिन में गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि भारत ने बॉर्डर गार्ड बंगलादेश और स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के कारण सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ लगाने का काम रोक दिया है।

गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी का बयान

गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने प्रेस वार्ता में कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षरित कुछ समझौतों के कारण, “बांग्लादेश-भारत सीमा पर कई मुद्दे पैदा हो गए हैं। लेकिन हमारे लोगों और बीजीबी के प्रयासों ने भारत को कांटेदार तार की बाड़ लगाने समेत कुछ गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूर कर दिया है।आलम चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए चार समझौता ज्ञापन (एमओयू) हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 1975 के एमओयू में यह स्पष्ट किया गया है कि रक्षा क्षमता वाला कोई भी विकास कार्य ‘जीरो लाइन’ के 150 गज के भीतर नहीं किया जा सकता।

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Himanshu Negi

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