UP के संभल में मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान तनाव, आंसूगैस और पथराव
उत्तर प्रदेश में संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का कार्य बीते मंगलवार को किया गया।
जानिए पूरी घटना कब घटित हुई ?
उत्तर प्रदेश में पहले सर्वेक्षण के बाद संभल में रविवार को दूसरा सर्वेक्षण हुआ। DM राजेंद्र पैंसिया, SP कृष्ण बिश्नोई, SDM वंदना मिश्रा, सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी और तहसीलदार रवि सोनकर की मौजूदगी में सुबह 6 बजे सर्वेक्षण दल वहाँ पहुंचा और जांच शुरू की। मौके पर स्थानीय पुलिस, PAC और रैपिड रिस्पांस फोर्स की कई टीमें तैनात की गईं। सर्वेक्षण शुरू होने के दो घंटे के भीतर ही कई प्रदर्शनकारी वहां पहुँच गए और सुरक्षा बलों पर पथराव करने लगे, जिससे बहुत सारे अधिकारी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस द्वारा उन पर लाठीचार्ज और बल प्रयोग किया गया, जिसकी वजह से प्रदर्शनकारी भागने लगे।
आखिर कोर्ट में क्या दावा किया गया ?
19 नवंबर को चंदौसी के सिविल सीनियर डिवीजन कोर्ट में केला देवी मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा एक याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि संभल में शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है, जिसे 1529 में बाबर के शासनकाल के दौरान मस्जिद में बदल दिया गया था। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के न्यायाधीश आदित्य सिंह ने उसी तारीख को एक फोटो और वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया। उस शाम बाद में डेढ़ घंटे तक सर्वेक्षण किया गया।
उस क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा का इंतज़ाम किया गया
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, लगभग 5,000 लोग 16वीं सदी की जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए। नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “शांति भंग न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे इलाके में बैरिकेडिंग की गई थी। हम इस क्षेत्र में पहले से तैनात पुलिस अधिकारियों के संपर्क में थे ताकि असामाजिक तत्वों पर नज़र रखी जा सके क्योंकि एक ‘खुफिया’ रिपोर्ट ने सुझाव दिया था कि यहाँ सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश की जा सकती है।”
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