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आपातकाल को 'संविधान की हत्या' बताते हुए कैबिनेट ने पारित किया विशेष प्रस्ताव

05:28 PM Jun 25, 2025 IST | Priya Pathania

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की अहम बैठक में देश के लोकतांत्रिक इतिहास से जुड़े एक महत्वपूर्ण दिन पर कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई गई। बैठक में 1975 में लगाए गए आपातकाल की 50वीं बरसी के अवसर पर एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें आपातकाल को ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताते हुए उसकी कड़ी निंदा की गई।

इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण, झारखंड के झरिया कोलफील्ड के लिए संशोधित मास्टर प्लान और उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी। वहीं, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन में शामिल होने और सफल प्रक्षेपण पर भी सरकार ने उन्हें बधाई दी और स्वागत प्रस्ताव पारित किया।

आपातकाल की बरसी पर लोकतंत्र रक्षकों को श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया, "केंद्र सरकार 1975 के आपातकाल को संविधान की हत्या मानती है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन अनगिनत लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने अत्याचारों का सामना किया और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष किया।" बैठक की शुरुआत दो मिनट के मौन के साथ की गई। यह श्रद्धांजलि उन नागरिकों को समर्पित थी जिनके मौलिक अधिकारों को आपातकाल के दौरान छीन लिया गया और जिन्हें अत्याचारों का सामना करना पड़ा।

https://x.com/ANI/status/1937808987472412896

पुणे मेट्रो रेल परियोजना (फेज-2) को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के चरण-2 को मंजूरी दी है। इसमें दो नए कॉरिडोर (2A और 2B) शामिल हैं:

- कॉरिडोर 2A: वनज से चांदनी चौक

- कॉरिडोर 2B: रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी

इन दो एलिवेटेड कॉरिडोर की कुल लंबाई 12.75 किलोमीटर होगी और इसमें 13 स्टेशन बनेंगे। यह परियोजना चार वर्षों में पूरी की जाएगी और यह तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेगी।

झरिया कोलफील्ड के लिए संशोधित मास्टर प्लान
सरकार ने झारखंड के झरिया कोयला क्षेत्र में लंबे समय से चल रही भूमिगत आग की समस्या के समाधान के लिए ₹5,940 करोड़ के संशोधित झरिया मास्टर प्लान (JMP) को मंजूरी दी है। योजना का उद्देश्य- भूमिगत आग को नियंत्रित करना। प्रभावित परिवारों का पुनर्वास औ सतत आजीविका और कौशल विकास कार्यक्रमों के ज़रिए आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान करना है। पहली योजना 2009 में स्वीकृत हुई थी, जिसकी समयावधि 2021 में समाप्त हो चुकी थी। यह संशोधित योजना उसी का उन्नत संस्करण है। इसके अलावा कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के आगरा (सिंगना) में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए ₹111.5 करोड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह केंद्र पेरू स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के सहयोग से स्थापित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए पहले ही 10 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है।

 


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